Home उत्तर प्रदेश जश्ने ईद मिलादुन्नवी धूमधाम से मनाकर निकाला गया जुलूसे-ए-मोहम्मदी

जश्ने ईद मिलादुन्नवी धूमधाम से मनाकर निकाला गया जुलूसे-ए-मोहम्मदी

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झांसी। इस्लाम धर्म के प्रर्वतक पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब की यौमे पैदाईश को ईद मिलादुन्नवी के रूप में मनाया गया। सुबह से हीमुस्लिम बन्धु नये परिधानों में निकले, कई स्थानों पर गरीब मुहताजो को वस्त्र वितरण किये गये, उन्हें खाना खिलाया गया तथा फलो का वितरण भी कियागया। मुस्लिम क्षेत्रों को विशेष रूप से सजाया गया। प्रातः से शहर के कई स्थानों पर गढ़ियाफाटक, नगरा, व पुलिया नं0-9, ताज कम्पाउण्ड, भट्टागॉवआदि क्षेत्रो में जुलूस निकाले गये। बाद में पूरे जिले से छोटे-छोटे जुलूस के रूप में बाहर सैंयर गेट मरकजी मस्जिद पर लोग एकत्रित हुये, जहां प्रतिवर्षो की भांति इस वर्ष भी सीरत कमेटी के तत्वाधान में बाहर सैंयर गेट, मरकजी मस्जिद से दोपहर 2 बजे सीरत कमेटी के अध्यक्ष चौधरी असलम शेर व महासचिव नूर अहमद मंसूरी एड ने पैगामे ए अमन को उठाकर जुलूस की शुरूआत की।पैगामे अमन को वीर अब्दुल हमीद खॉ की तोप की प्रतीक तोप द्वारा फूलो के गोले दाग कर पैगामे ए अमन को सलामी दी गयी। जुलूस निर्धारित मार्गो बाहरसैंयर गेट, बाहर ओरछा गेट, अन्दर ओरछा गेट, सुभाषगंज, बडा बाजार, मालिन तिराहा, बिसाती बाजार, गंदीगर का टपरा, सर्राफा बाजार, मानिक चौक, सिन्धी तिराहा होता हुआ गुलाम गौस खॉ चौक (मिनर्वा चौराहा) पर पहुंचा, जहां पर काले शाह बाबा कमेटी के अध्यक्ष नसीब खॉ, सुभान , ईशा उलहक एवं आसिफ सिद्दीकी द्वारा जुलूस का स्वागत किया गया। तदोपरान्त जुलूस जलसे के रूप में परिवर्तित हो गया। जुलूस में सीरत कमेटी के अध्यक्ष चौधरी असलम शेर व महामंत्री नूर अहमद मंसूरी एड, हाजी सगीर कुरैशी, याकूबअहमद मंसूरी एड, डॉ० महबूब इलाही, अबरार उर्फ अबू भाई, सभासद सुलेमान अहमद मंसूरी एड, पूर्व पार्षद खुर्शीद राशिद बरकाती, रहीश अहमद सिद्दीकी एड, मंसूर अहमद मंसूरी, हबीबुर्रहमान उर्फ चन्दा,मोहम्मद तबरेज मंसूरी एड, जाहिद मंसूरी एड, मौलाना शाने चौ०मशरूद सलीम सष्णू मो. अलफेज, इदरीशरवान, अनवरगईन, जफर मंसूरी, चांदखीन लियाकत राईन आदि जुलूस का नेतृत्व करते चल रहे थे, रास्ते में व्यापार मण्डल व अन्यसंस्थाओ द्वारा जुलूस का पुष्प वर्षा करके स्वागत किया गया। कई स्थानो पर भोजन का वितरण किया। जुलूस में नारे तकवीर अल्ला हूँ अकबर, सबसे अच्छानवी हमारा, आंख का तारा नवी हमारा, आदि गगन भेदी नारे लगाये जा रहे थे,गुलाम गौस खाँ की तोप आदि झांकी चल रही थी। जलसे की शुरूआत अब्दुल हकीम ने कुरान की आयत पढ़कर की।बाद में मानव जाति की भलाई के लिए दुआये मांगी।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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