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मरकर जलने से अच्छा है, किसी के काम आ जाए, इसी सोच के साथ किया देहदान

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झांसी। मरकर जलने के बाद राख बन जाए इससे अच्छा है, किसी के काम आ जाए। इसी सोच के साथ शिवहरे परिवार ने अपने घर में स्वर्गवास हो चुकी वृद्धा का शव मेडिकल कोलेज प्रशासन को दान किया है।जानकारी के मुताबिक सीपरी बाजार क्षेत्र के आवास विकास कालोनी निवासी शरद शिवहरे की माता जी नीलमा शिवहरे 77 वर्ष का आज सुबह निधन हो गया। निधन के बाद परिवार के सभी सदस्यों ने अपनी माता जी की अंतिम इच्छा को पूरी करने के कागजी कार्यवाही पूरी करते हुए मेडिकल कोलेज प्रशासन को डॉक्टर अंशुल जैन की सुपुर्दगी में उनके शव को देहदान कर दिया। शरद शिवहरे ने बताया की माता जी की अंतिम इच्छा थी की उनका शव मेडिकल कॉलेज में दान किया जाए। उनका कहना था की मरने के बाद शव को जलाकर राख में कर देने से कोई फायदा नही मरने के बाद किसी के काम शरीर आ जाए यह सबसे बड़ा पुण्य है। उन्होंने कहा की उनका पूरी परिवार मेडिकल लाइन से जुड़ा हुआ है। इसलिए वह और उनके सभी परिजनों ने माता जी के शव को देहदान करने पर सहमति जताई।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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