झांसी। आज विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी अविनाश कुमार की अध्यक्षता में जिला गंगा समिति/जिला पर्यावरणीय समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने जिला पर्यावरणीय समिति की बैठक में पर्यावरण संबंधित किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए समस्त अधिशासी अधिकारियों को जनपद में पर्यावरण सुधार लाए जाने के उद्देश्य से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश देते हुए कहा कि होटल्स, मैरिज हॉल और औद्योगिक इकाइयों द्वारा बायो वेस्ट एवं ई-वेस्ट पर अंकुश लगाए जाने के दृष्टिगत एनजीटी द्वारा जारी नियमावली के तहत ई-वेस्ट का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकें। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी असंतोष व्यक्त करते हुए क्षमता संवर्धन को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समस्त अधिशासी अधिकारी अपने क्षेत्र में बनाए गए तालाबों की जानकारी लेते कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि तालाबों में गंदा पानी कतई न भरा जाए। उन्होने सुझाव देते हुए कहा की टाइट फंड के माध्यम से डीपीआर बनाए ताकि पानी को (फ़िल्टर) साफ करके तालाबों में भरा जा सके। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने ताकीद करते हुए समस्त अधिशासी अधिकारियों से कहा की किसी भी दशा में नदियों में नालों का गंदा पानी न जाए, इसे गंभीरता से सुनिश्चित किया जाए। बैठक में नगर पालिका परिषद मऊरानीपुर एवं नगर पंचायत टोड़ीफतेहपुर के अंतर्गत सुखनई नदी में गिरने वाले नालों पर संबंधित अधिशासी अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जल निगम द्वारा एस0टी0पी0 बनाए जाने की डी0पी0आर0 की जानकारी ली और गंदा पानी अथवा कचरा नदी में ना जाए को रोकने के लिए जाल लगाये गये हैं की भी सूचना एवं स्थानों की सूचना उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निकायवार डंपिंग ग्राउंड की भी जानकारी। जिलाधिकारी ने जिला पर्यावरणीय समिति की बैठक में मासिक समीक्षा करते हुए क्षेत्र में अंत्येष्टि स्थल का सत्यापन कराए जाने के अतिरिक्त गांव में सॉलिड वेस्ट के निस्तारण की भी जानकारी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने डीपीआरओ को नदी के घाटों के सौंदर्यीकरण के संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार किया जाने के निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक लोग घाटों का भ्रमण कर सकें। उन्होंने घाटों पर सप्ताहिक अथवा प्रतिदिन गंगा आरती की भी जानकारी प्राप्त की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने स्पष्ट शब्दों में निर्देशित किया कि नगर पालिका, नगर पंचायत एवं नगर निगम में जो भी होटल, विवाह घर, रेस्त्रां यदि सॉलिड वेस्ट जनरेट करते हैं तो उसका निस्तारण भी उन्हीं के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित किया जाए। बैठक में प्रभागीय वन अधिकारी जे0बी0शेन्डे ने संचालन करते हुए प्रत्येक बिंदु की गई कार्यवाही की जानकारी दी। इस अवसर पर नगर आयुक्त सत्यप्रकाश, मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, डीआईओएस श्रीमती रति वर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्रीमती दीपा अरोरा, वन निरीक्षक अमित शर्मा, कृषि विभाग सहित समस्त निकायों के अधिशासी अधिकारी व विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे ।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






