झांसी। आज विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी अविनाश कुमार की अध्यक्षता में जिला गंगा समिति, जिला पर्यावरणीय समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने जिला पर्यावरणीय समिति की बैठक में पर्यावरण संबंधित किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की शिथिल कार्य प्रणाली पर नाराजगी व्यक्त की और जनपद में पर्यावरण सुधार लाए जाने के उद्देश्य से कोई भी जागरूकता कार्यक्रम ना होने पर उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि औद्योगिक इकाइयों द्वारा बायो वेस्ट एवं ई-वेस्ट पर अंकुश लगाए जाए के दृष्टिगत एनजीटी द्वारा जारी नियमावली की जानकारी देने हेतु विशेषज्ञों को आमंत्रित करते हुए कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी असंतोष व्यक्त करते हुए क्षमता संवर्धन को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समस्त अधिशासी अधिकारी अपने क्षेत्र की संपूर्ण जानकारी ले लें ताकि कार्य योजना तैयार करने में आसानी हो सके। उन्होंने 202 वार्डो के सापेक्ष 104 वार्ड में ही डोर टू डोर कचरा कलेक्शन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए समस्त निकायों में प्रतिदिन कितना कचरा इकट्ठा होता है और उसका किस प्रकार निस्तारण किया जाता है की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बैठक में अनुपस्थित अधिशासी अधिकारी गुरसराय नगर पालिका परिषद का अग्रिम आदेशों तक वेतन रोके जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निकायवार एमआरएफ की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए की निकायों में स्थापित एमआरएफ सेंटर के संबंध में किसी भी अधिशासी द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया और ना ही संचालन में रुचि ली जा रही है। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिशासी अधिकारियों को एक माह का समय निर्धारित किया और नियमित संचालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की जिसमें सभी प्रकार के वेस्ट शामिल हों इसकी कार्य योजना बनाकर प्रेजेंटेशन दें। जिलाधिकारी ने ताकीद करते हुए समस्त अधिशासी अधिकारियों से कहा की किसी भी दशा में नदियों में नालों का गंदा पानी न जाए, इसे गंभीरता से सुनिश्चित किया जाए। बैठक में नगर पालिका परिषद मऊरानीपुर एवं नगर पंचायत टोड़ी फतेहपुर के अंतर्गत सुखनई नदी में गिरने वाले नालों पर संबंधित अधिशासी अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जल निगम द्वारा एस0टी0पी0 बनाए जाने की डी0पी0आर0 की जानकारी ली। उन्होंने निकायवार डंपिंग ग्राउंड की भी जानकारी ली। जिलाधिकारी ने जिला गंगा समिति की मासिक समीक्षा करते हुए क्षेत्र में अंत्येष्टि स्थल का सत्यापन कराए जाने के अतिरिक्त गांव में सॉलिड वेस्ट के निस्तारण की भी जानकारी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने डीपीआरओ को नदी के घाटों के सौंदर्यीकरण के संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार किया जाने के निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक लोग घाटों का भ्रमण कर सकें। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने स्पष्ट शब्दों में निर्देशित किया कि नगर पालिका, नगर पंचायत एवं नगर निगम में नालों का गंदा पानी किसी भी दशा में नदियों में न जाए। उन्हें टैप करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने उपस्थित अधिशासी अधिकारियों को एसटीपी निर्माण हेतु प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराए जाने के भी निर्देश दिए ताकि गंदे पानी को नदी में जाने से रोका जा सके। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, प्रभागीय वन अधिकारी एम पी गौतम, अधिशासी अभियंता सिंचाई उमेश कुमार, एसीएमओ डॉ महेंद्र कुमार, डीपीआरओ जे आर गौतम,डीआईओएस राजेश कुमार, बीएससी सुश्री नीलम यादव, क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्रीमती दीपा अरोरा, डीसी मनरेगा शिखर कुमार श्रीवास्तव, कृषि विभाग,उद्यान विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे ।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






