झांसी। बुंदेलखंड आभ्यंतरिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में चल रहे वार्षिक टेकफेस्ट इंनोवांजा के चौथे दिन झाँसी के मुख्य विकास अधिकारी श्री जुनैद अहमद ने विशेषज्ञ सत्र लिया। इस सत्र में ६०० से अधिक छात्र एवं छात्रों ने प्रतिभाग किया। सत्र का शुभारम्भ इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेल की अध्यक्ष एवं बुंदेलखंड इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेण्टर फाउंडेशन की डायरेक्टर प्रो शहनाज़ अयूब ने मुख्य विकास अधिकारी झाँसी श्री जुनैद अहमद का परिचय दे कर किया। इस अवसर पर श्री जुनैद अहमद ने अपने जीवन के संघर्षों का वर्णन करते हुए छात्रों को जीवन में आने वाली कठिनाइयों से ना डरते हुए अपने लक्ष्य की और आगे बढ़ने को प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्रों से उद्यमिता से जुड़े बिंदुओं पर चर्चा की और छात्रों को अपने छात्र जीवन में अधिकाधिक प्रयोग करके अपनी पूर्ण क्षमता से कार्य करने को प्रेरित किया । उन्होंने छात्रों से किताबें जैसे की १०००० अवर्स पढ़ने को प्रेरित किया | अपने संबोधन में उन्होंने छात्रों से उदाहरण सहित कहा कि सफल उद्यमी में बनने के लिए स्पष्ट विजन, रिस्क लेने की क्षमता, अनुकूलन क्षमता, तथा असफलता से उबरने की क्षमता , यह चार गुण अति आवश्यक है। सत्र के बाद उनहोंने छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का भी उत्तर दिया। सत्र के अंत में बुंदेलखंड आभ्यंतरिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो पुलक मोहन पांडेय ने छात्रों को ऐसे कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने के लिए प्रोत्साहित किया और मुख्य विकास अधिकारी जी को स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया | टेकफेस्ट के आयोजकों की प्रशंसा करते हुए सभी छात्रों से बचे हुए कार्यक्रमों में भी भारी संख्या में प्रतिभाग करने को प्रेरित किया। इन्क्यूबेशन मैनेजर सुधांशु रंजन ने कार्यक्रम के फायदे गिनाते हुए कहा की ऐसे कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने से छात्रों में स्टार्टअप और उद्यमिता के प्रति रुझान बढ़ेगा | इस सत्र के बाद बिल्डो पंप एवं केनन लांचर इवेंट भी ओपन एयर थिएटर में आयोजित किये गए। इन कार्यक्रमों में २०० से अधिक छात्रों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रमों को देखते हुए संस्थान में फ़ूड स्टाल की भी व्यवस्था की गयी है। इस सप्ताह भर चलने वाले टेकफेस्ट की आयोजिका प्रो शहनाज़ अयूब ने सभी छात्रों का प्रोत्साहन करते हुए, छात्रों द्वारा अधिक संख्या में प्रतिभाग को सराहना की। | बी आई ई टी के छात्रों रिषीक पाठक, इंजमामुल हक़ ,अंकित शुक्ल , शुभम पाठक , हेमांग आनंद , प्रिंस साहनी और अन्य तृतीय वर्ष और द्वितीय वर्ष के छात्रों का अहम् योगदान रहा |
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






