झांसी। अक्सर हाई प्रोफाइल मामलों में सरकार की आंखों में घुल झोंक कर छोटी मछलियों के शिकार कर इतिश्री करते हुए बड़े मगर मच्च को बचा लिया जाता है। ऐसा ही कुछ विश्व विद्यालय में हुआ है। विश्व विद्यालय के कैम्पस में छात्रा द्वारा की गई फांसी लगाकर आत्महत्या प्रकरण में मृतिका के परिजनों के द्वारा नाम लेकर लगाए गए आरोपों के बाद भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। खाना पूर्ति करने के विश्व विद्यालय द्वारा निर्दोष ओर छोटे कर्मचारियों की नौकरी से सेवा समाप्त कर दी गई। निर्दोषों ने इस पूरे घटना क्रम की लिखित शिकायत कुलपति और राज्यपाल से करते हुए कार्यवाही की मांग की है।जानकारी के मुताबिक 19 जनवरी की रात विश्व विद्यालय कैंपस में बने समता हॉस्टल में देर रात छात्रा द्वारा आत्महत्या करने के मामले मृतक छात्रा के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों में वह हॉस्टल कर्मचारी शिप्रा और सुमन पर आरोप लगा रहे थे। इन्ही आरोपों के वीडियो भी शोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। लेकिन हॉस्टल प्रबंधक ने मामले में लीपा पोती करते हुए अपने चहेते कर्मचारियों को बचाते हुए शिप्रा और सुमन पर कोई कार्यवाही न कर जिस महिला कर्मचारी की ड्यूटी भी नही जिसे इस घटना कई घंटे आगे और पीछे से कोई लेना देना नही उसे नौकरी से निकाल कर इतिश्री कर ली। इतना ही नहीं जब छोटे महिला कर्मचारी ने हॉस्टल प्रबंधक आर के सैनी से खुद को नौकरी से निकाले जाने का कारण पूछा तो महिला कर्मचारी को कारण न बताकर उसे जलील किया और उसे रजिस्ट्रार कार्यालय में शिकायत करने से भी रोका गया इतना ही नहीं दोषी शिप्रा और सुमन को बचाने के लिए निर्दोष महिला कर्मचारी को हॉस्टल प्रबंधक ने धमकी तक दे डाली। पीड़ित ने महामहिम राज्यपाल और कुलपति को शिकायती पत्र देकर हॉस्टल प्रबंधन और दोषियों के खिलाफ जांच कर कार्यवाही की मांग की है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






