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बुंदेलखडं क्षेत्र में मक्का उत्पादन की अपार सम्भावनाएं

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झांसी। मक्का एक बहुउद्देशीय फसल है। इसकी मांग निरन्तर बढ़ती जा रही है। २०२३-२४ में ११० लाख हैक्टेयर में मक्के का कुल उत्पादन लगभग ३४६ लाख टन रहा। मक्का का लगभग ६०% उपयोग पशुधन एवं मुर्गी पालन में होता है। जबकि १२% भाग औद्योगिक उपयोग, १४% भाग स्टार्च बनाने में, ७% प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ एवं ६% भाग निर्यात तथा अन्य कार्यो में होता है।
राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति एवं मुर्गी पालन उद्योग के निरन्तर बढ़ते हुई मांग को देखते हुए इसकी उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ने पर नीति बनाने की आवश्यकता है। २०२३-२४ में ८ लाख टन मक्का का उपयोग बायो इथेनॉल बनाने में हुआ। अनुमान के अनुसार २०२४-२५ में यह मांग ३४ लाख टन एवं २०२७-२८ में १०० लाख टन हो सकती है। शोध अध्ययन से यह पाया गया है कि मक्का से इथेनॉल उत्पादन गन्ने की तुलना में कम लागत से हो सकता है (४२-५० रुपये प्रति लीटर की तुलना में ३८-४२ रुपये प्रति लीटर)।
बुंदेलखंड में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए विशेष मक्का जैसे की बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न, एवं कुपोषणता के लिए क्वालिटी प्रोटीन मक्का (QPM) के उत्पादन एवं उपयोग की जरूरत है। वर्तमान समय में बुंदेलखंड में मक्का का उत्पादन बहुत ही कम हैं। भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में मृदा, भूमि की उपयुक्तता, तापमान, वर्षा के अनुसार, इस क्षेत्र में मक्का का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए जरुरत है तकनिकी ज्ञान, उन्नत तकनीकियों, उन्नत किस्मों की बीज, प्रचार एवं प्रसार की, बाजार संगठन की सुविधा, सरकारी अनुदान, सहायता एवं नीतियों की, भारत सरकार के पास कई प्रस्ताव हैं। अतः यह आवश्यक है कि मक्का के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए बहु आयामी कार्य वृत्त बनाया जाये एवं उसे लागु किया जाये।
इन सभी बिंदुओं पर विचार करने हेतु, रानी लक्ष्मी बाई कृषि विश्विद्यालय, झांसी में १६ दिसंबर २०२३ को राष्ट्रीय स्तर की विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया था। कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में नीति निर्धारकों, मक्का विशेषज्ञों, प्रगतिशील किसानो, उद्यमियों, वैज्ञानिकों एवं अन्य ने भाग लिया। इस बैठक में बुंदलखंड में मक्का उत्पादन एवं उपयोग के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गयी एवं नई तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। किसानों एवं उद्यमियों की समस्याओं एवं शंकाओं का निराकरण विशेषज्ञों द्वारा किया गया।
इसी सन्दर्भ में रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विवि झाँसी ने एक रणनीति प्रपत्र “बुंदलेखंड में मक्का उत्पादन बढ़ाने हेतु रणनीति प्रपत्र ” तैयार किया है। इस पत्र में बुंदलेखंड में मक्का उत्पादन, उपयोग, औद्योगिक इकाइयों की स्थापना, बाजार , नीति सम्बन्धी सुझाव एवं कार्यवृत प्रस्तुत किया गया है। नीति निर्धारकों एवं किसानों, उद्यमियों के सहयोग से इसे कार्यान्वित किया जा सकता है। यह योजना पुस्तिका निश्चय ही बुंदेलखंड में किसानो की आमदनी बढ़ाने, औद्योगिक इकाइयों के विस्तार से समग्र विकास में सहायक होगी।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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