झांसी। फरियादियों की फरियाद का समय पर निस्तारण हो इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आई जी आर एस पोर्टल शुरू कराया था। इस पर आने वाली शिकायतों का गुणवत्ता पूर्वक निस्तारण करने वाले पुलिस कर्मी थाना प्रभारी को प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। लेकिन शिकायतों को समय से निस्तारण करने ओर प्रथम आने की होड़ में पुलिस फर्जी तरीके से आईजी आर एस पर रिपोर्ट लगाकर उसे बंद कर देती है, ओर खुद अपनी पीठ थपथपा लेती है। लेकिन हकीकत में आई जी आर एस पर शिकायत करने वाले फरियादी को अस्सी प्रतिशत लाभ नहीं मिल रहा। ऐसा ही एक प्रकरण झांसी के थाना सदर बाजार का है। जहां फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए सात सितंबर से दो माह तक फरियादी गौरव यादव आईजी आर एस और थाना और अधिकारियों की चौखट पर भटकता रहा लेकिन सदर बाजार पुलिस ने फर्जी मार्कशीट गिरोह पर कार्यवाही नही की। आखिर कार ढाई माह बाद फरियादी की मौत हो गई। इसकी जानकारी भी पुलिस को अच्छी तरह से है, लेकिन सब कुछ जानने के बाद भी गौरव यादव प्रकरण से लगता है। अपनी झूठी शान बनाने और पीठ थपथपाने के लिए फर्जी निस्तारण करने वाली सदर बाजार पुलिस की मानवीय संवेदनाएं मर चुकी है, जो एक फरियादी जो न्याय मांगते मांगते मर गया उसकी आत्मा की शांति और आरोपियों को सजा दिलाने के लिए भी सारे साक्ष्य और ऑडियो वीडियो उपलब्ध होने के बाद भी कार्यवाही नही कर रही बल्कि उल्टा उन्हे बचाने का प्रयास कर रही। मृतक की आत्मा चीख चीख कर बस यही सवाल कर रही आखिर उसे न्याय कब मिलेगा।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


