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गो आश्रय स्थल पर संरक्षित गोवंश का स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य करायें,अस्वस्थ व बीमार गोवंश का उपचार प्राथमिकता से किया जाए : जिलाधिकारी लंपी बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर गोवंश को तत्काल पृथक करते हुए उसका उपचार करना सुनिश्चित करें गुणवत्ता विहीन भूसा आपूर्ति करने पर ठेकेदार की धनराशि से कटौती करने के निर्देश

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झांसी। जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार ने ग्राम बचावली बुजुर्ग विकासखंड बड़ागांव तहसील झांसी स्थित गौशाला का औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार ने कहा कि गौवंशो के संरक्षण का दायित्व हम सभी का है, यह योजना मा.मुख्यमंत्री जी की सर्वोच्च प्राथामिकताओं में है। अतएव गौशालाओं में निधार्रित क्षमता के अनुसार गौवंश का संरक्षण किया जाये, गौशालाओं में जो कमियां है उन्हें दूर कर सही तरीके से संचालित कराया जाये और उनमें क्षमता के अनुसार गौवंश संरक्षित किये जायें। गौशालाओं की गहन निगरानी रखी जाये ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो सके। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक गौशाला वार नामित नोडल अधिकारी का दायित्व है कि नामित नोडल अधिकारियों द्वारा गौशाला का स्वयं संवेदनशील होकर सत्यापन किया जाए एवं उनके द्वारा बताई गई गोवंश की संख्या के आधार पर ही गौशाला को धनराशि हस्तांतरित की जाए, अतः नोडल अधिकारी भली प्रकार से यथासंभव प्रत्येक माह गौशाला का भ्रमण करें ताकि उनके द्वारा बताई गई गोवंश की संख्या के आधार पर धनराशि गौशाला को आवंटित की जा सके।उन्होंने कहा कि गौशालाओं के खाते में अब सीधे धनराशि हस्तांतरित की जाएगी। जिलाधिकारी ने ग्राम बचावली बुजुर्ग स्थित गौशाला के निरीक्षण के दौरान उन्होंने गौशाला का भ्रमण करते हुए गौशाला में उपलब्ध भूसे की गुणवत्ता को देखा। पशु चिकित्साधिकारी, बड़ागांव द्वारा अवगत कराया गया कि संबंधित ठेकेदार द्वारा हरा चारा कम मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है और ठेकेदार द्वारा जिस भूसे की आपूर्ति की जा रही है, उसमें मिट्टी होने के कारण गौवंश द्वारा ठीक प्रकार से उसका सेवन नहीं किया जा रहा है एवं गौवंश के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये गये कि ठेकेदार के भुगतान में 20 प्रतिशत कटौती की जाये एवं उसे लिखित नोटिस दिया जाये। यदि भविष्य में भी भूसे की गुणवत्ता में सुधार न हो तो भुगतान में 50 प्रतिशत की कटौती की जाये एवं यदि उसके द्वारा भूसे की आपूर्ति न की जाये तो संबंधित ठेकेदार के विरूद्व सख्त कार्यवाही की जाये। जिलाधिकारी ने गौशाला में अनुरक्षित पंजिका के निरीक्षण के दौरान यह निर्देश दिए कि गौशाला में जब भी कोई गौवंश की मृत्यु होती है अथवा सुर्पुदगी में दिया जाता है, तो मृत्यु के कारण/सुर्पुदगी का भी विवरण रजिस्टर में अंकित किया जाये। निरीक्षण के दौरान पशु चिकित्साधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि गौशाला में फेंसिंग न होने के कारण गौवंश गौशाला में बाहर निकल जाते हैं। पशु चिकित्साधिकारी द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि यदि गौशाला में 02 शेड का निर्माण करा दिया जाये तो गौशाला में अधिक संख्या में गौवंश को संरक्षित किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने गौशाला के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेण्ट हेतु जल्द प्रस्ताव बनाए जाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने गौशाला का भ्रमण करते हुए कहा कि गौशाला में पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। गौशाला की रिक्त भूमि पर नेपियर एवं अन्य घास उगाई जाये, ताकि गौवंश को हरा चारा उपलब्ध हो सके। जिलाधिकारी ने गौशाला का भ्रमण करते हुए नर, मादा ,बछड़ा बीमार गोवंश को प्रथक प्रथक रखे जाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने गौ शाला में उपलब्ध गोबर के माध्यम से वर्मी कंपोस्ट का भी निर्माण किए जाने के निर्देश दिए इस अवसर पर प्रभारी खंड विकास अधिकारी श्री राम अवतार सिंह,ग्राम सचिव श्री जितेंद्र कुमार साहू, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अवधेश कुमार निरंजन,ग्राम प्रधान श्रीमती कुसमा देवी, श्री बाल विजय बहादुर यादव,सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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