झांसी। जनपद का चर्चित पुष्पेंद्र एनकाउंटर दो साल बाद एक बार फिर चर्चाओं में आ गया। प्रयागराज हाईकोर्ट ने परिजनों की अपील पर सुनवाई करते हुए मोठ थाना पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए है।जानकारी के मुताबिक वर्ष 2019 में 10 अक्टूबर को पुलिस मुठभेड़ के दौरान पुष्पेंद्र यादव निवासी करगुवा मारा गया था। इसे पुलिस एनकाउंटर बता रही थी। वही परिजन इसे फर्जी एनकाउंटर बता रहे थे। इसी मामले को लेकर पुष्पेंद्र के परिजनों ने प्रयागराज हाई कोर्ट में पुलिस के विरुद्ध अपील दायर की थी। कोर्ट ने आज सुनवाई के बाद मोठ पुलिस पर पुष्पेंद्र के फर्जी एनकाउंटर का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। मालूम हो की दस अक्टूबर 2019 को मोठ थाना क्षेत्र में बालू डंफर पकड़ने को लेकर हुए विवाद में तत्कालीन मोठ थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह चौहान और पुष्पेंद्र के बीच विवाद हुआ था। इसी दौरान गठित की गई पुलिस टीम की मुठभेड़ हुई थी। जिसमे पुष्पेंद्र की मौत हो गई थी। परिजनों ने एफआईआर दर्ज न होने पर शव लेने से इंकार कर दिया था। तब पुलिस ने उसके शव का अंतिम संस्कार किया था। दो साल बाद आज प्रयागराज कोर्ट ने इस प्रकरण में पुलिस को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के निर्देश दिए है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






