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“बीज से बाजार तक किसान के साथ है सरकार” – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा – किसानों को सशक्त करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम

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झाँसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज वाराणसी जनपद के सेवापुरी स्थित बनौली में आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर देश के 9.7 करोड़ किसानों को डीबीटी के माध्यम से ₹20,500 करोड़ की राशि सीधे उनके खातों में अंतरण की गई।

 

रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी के बहुउद्देश्यीय सभागार में इस कार्यक्रम का आनलाइन माध्यम से सीधा प्रसारण कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में किसानों को दिखाया गया। विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में झाँसी जनपद के ग्राम गांधीनगर, रौनीजा एवं बिरगुवां के लगभग 150 महिला एवं पुरुष किसान उपस्थित रहे।

 

इस अवसर पर कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि

 

> “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों की आर्थिक सुदृढ़ता की आधारशिला है। यह पहल न केवल कृषकों को त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित भी करती है। विश्वविद्यालय का प्रयास है कि किसान भाइयों को वैज्ञानिक समाधान एवं तकनीकी जानकारी प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाया जाए।”

 

 

 

किसानों को उनकी फसलों की वर्तमान समस्याओं एवं समाधान से अवगत कराने हेतु वैज्ञानिकों द्वारा वर्षा जनित फसल हानि पर विशेष चर्चा की गई। इस संवाद कार्यक्रम में किसानों ने अनेक प्रश्न पूछे:

 

ग्राम रौनीजा निवासी किसान श्री हरी सिंह अहिरवार ने धान सड़ने की समस्या बताई।

वैज्ञानिक *डॉ. योगेन्द्र मिश्रा* ने समाधान देते हुए कहा कि “धान के खेत से एक सप्ताह के लिए पानी निकाल देना चाहिए, तत्पश्चात पुनः नया पानी भरें अथवा कॉपर सल्फेट का छिड़काव करें।”

 

एक अन्य किसान ने धान के खेत में कीट एवं केंचुआ लगने की शिकायत की।

*डॉ. योगेन्द्र मिश्रा* ने उत्तर में ग्रेनुअल, पटेरा और प्रोनिल दवाओं के उपयोग की सलाह दी एवं उनके प्रयोग की विधि विस्तार से बताई।

 

*डॉ. शिवेन्द्र सिंह* ने प्राकृतिक व जैविक खेती को अपनाने की अपील की।

 

*डॉ. शुभा त्रिवेदी* ने महिला किसानों की समस्याओं का समाधान करते हुए पौधों में रोगों की रोकथाम के वैज्ञानिक उपाय बताए।

कार्यक्रम में निदेशक शोध डॉ. एस.के. चतुर्वेदी, कृषि संकाय अधिष्ठाता डॉ. आर.के. सिंह, उद्यानिकी एवं वानिकी संकाय अधिष्ठाता डॉ. मनीष श्रीवास्तव, कुलसचिव डॉ. एस.एस. कुशवाह, डॉ. श्रीधर पाटिल, डॉ. आशुतोष शर्मा, डॉ. डी.वी. सिंह, डॉ आशीष गुप्ता सहित विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

अंत में कार्यक्रम संयोजक एवं निदेशक, प्रसार शिक्षा डॉ. सुशील कुमार सिंह ने सभी आगंतुकों, किसानों एवं वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया तथा किसानों से आह्वान किया कि वे सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएँ और वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाकर कृषि को लाभकारी बनाएं।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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