झांसी। अपर सत्र न्यायधीश पोस्को एक्ट नेयाज अहमद अंसारी की अदालत ने गैंगरेप के आरोपी को जमानत देने से इंकार करते हुए उसका जमानती पत्र निरस्त कर दिया है। शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया था। जिसके बाद न्यायालय ने उसे निरस्त कर दिया।अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया कि एक महिला ने थाना बड़ागांव में 5 जून 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी 17 वर्षीय पुत्री कक्षा 12 की छात्र हुआ। तीन माह पूर्व आरोपी विशाल रायकवार ने उसकी पुत्री को स्कूल से घर जाते समय अपने साथ टूटे मकान में ले गया था। जहां घर में मोजूद विशाल रायकवार और उसके दो साथी विक्की परिहार और गौतम ने उसकी पुत्री के साथ गैंगरेप की घटना कर दी और उसकी वीडियो बना ली। इसके बाद सभी आरोपियों ने उसे धमकी देते हुए कहा कि अगर यह बात किसी को बताई तो तुम्हारी वीडियो वायरल कर देंगे और तुम्हारे भाई की हत्या कर देंगे। इसके बाद तीनो उसकी पुत्री को लगातार ब्लैकमेल करने लगे। यह घटना उसकी पुत्री ने काफी परेशान होकर उसे बताई। तब थाने रिपोर्ट दर्ज कराने आई हूं। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आज इस मामले में आरोपी विशाल रायकवार का जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिसका शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह ने विरोध किया। न्यायालय ने सुनवाई के बाद आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






