झांसी। गैंगरेप के आरोप में जेल भेजे गए पत्रकार ने पुलिस पर फर्जी कूट रचित दस्तावेज तैयार कर गैंगरेप प्रकरण में झूठा फसाकर जेल भेजने तथा बिना साक्ष्य तथ्यों को दर किनार कर न्यायलय में आरोप पत्र दाखिल करने का आरोप लगाकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस मांग को लेकर आज से पत्रकार ने अपना क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। रविवार को अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी पार्क में पत्रकार मुकेश वर्मा ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। उसका आरोप है कि पुलिस तत्कालीन विवेचनाधिकारी ने उसके विपक्षियों से मिलकर उस पर झूठा मनगढ़ंत फर्जी मुकदमा थाना कोतवाली में दर्ज किया। इसके बाद न तो मोबाइल सीडीआर का विश्लेषण किया ओर न ही घटना स्थल का नक्शा बनाया ओर न ही सीसीटीवी फुटेज निकाले। साथ ही कई साक्ष्यों को दरकिनार करते हुए जेल भेजकर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करते हुए बिना डीएनए रिपोर्ट आए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। पत्रकार ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि वह पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराए अगर वह दोषी पाया जाए तो उसे फांसी की सजा दे दो अन्यथा इस फर्जी कूट रचित दस्तावेजों पर तैयार की गई गैंगरेप की घटना के षड्यंत्र कारियो को सजा दिलाकर न्याय दिलाया जाए। पत्रकार ने बताया कि यह क्रमिक अनशन है, मांग पूरी न होने पर वह एक सप्ताह बाद इसे आमरण में तब्दील हो जाएगा। जल्द ही लखनऊ में आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। इस दौरान सहयोगी पत्रकार वरिष्ठ पत्रकार रामकुमार साहू, बिष्णु दुवे, रवि शर्मा, सुल्तान आब्दी, रानू साहू, कलम कुरैशी, हरिओम कुशवाह, मनीष अली, तोसिफ कुरैशी, एहसान अली, नवीन वर्मा, राहुल उपाध्याय, राहुल कोस्टा, सहित कई पत्रकार उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






