झांसी। तीन वर्ष पूर्व एक घर में घुसकर हत्या ओर लूटपाट करने का आरोप सिद्ध होने पर न्यायालय ने चार डकैतों को आजीवन कारावास ओर एक लाख रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश( द.प्र.क्षे.)/ अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या 2 झांसी श्री विजय कुमार वर्मा प्रथम के न्यायालय से हत्या सहित डकैती के मामले में चार अभियुक्तगणो को आजीवन कारावास और एक लाख रुपए जुर्माना से दंडित किया गया।अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी देवेंद्र पांचाल एवं रविशंकर द्विवेदी ने बताया कि वादी मुकदमा देव प्रसाद कुशवाहा द्वारा दिनांक 4. 10. 2021 को थाना बड़ागांव पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जिसमें उसने बताया कि दिनांक 3 अक्टूबर 2021 को वह रिश्तेदार को देखने मेडिकल कॉलेज झांसी गया हुआ था जहां उसे रात्रि में रुकना पड़ा 3/ 4 अक्टूबर 2021 की रात्रि 2:30 बजे उसकी बेटी ने उसे फोन करके बताया कि घर में अज्ञात चोर घर में घुस आए और घर में रखें सोने चांदी के जेवरात ₹10000 नगद , पिता श्यामलाल जो कैमरे के अंदर सो रहे थे उन पर किसी वस्तु से प्रहार कर गंभीर रूप से घायल कर उनके कमरे में रखें बक्से को उठाकर ले गये इस सूचना पर वह अपने घर पहुंचा तथा इलाज के लिए अपने पिता श्यामलाल को नवजीवन अस्पताल में भर्ती कराया उनकी हालत में सुधार न होने पर मेडिकल कॉलेज झांसी में भर्ती कराया।वादी मुकदमा की तहरीर पर थाना बड़ागांव में धारा- 459, 382 आईपीसी का मुकदमा अज्ञात अभियुक्तगण के विरुद्ध पंजीकृत किया गया मुकदमा पंजीकृत होने के पश्चात विवेचना के क्रम में मुकदमा उपरोक्त में लूट का अपराध पाते हुए मुकदमा धारा 394 आईपीसी में तरमीम किया गया । दौरान विवेचना चुटैल श्यामलाल की ईलाज के दौरान मृत्यु हो जाने के कारण धारा 302 आईपीसी की बढोत्तरी की गई। विवेचना के दौरान मुखबिर की सूचना पर थाना बड़ागांव क्षेत्र डमरोली रोड पर कृष्ण स्टोर के आगे से पुलिस मुठभेड़ में चार अभियुक्त की गिरफ्तारी की गई जिनके नाम सोनू अहिरवार ,इंद्रदीप, बलबहादुर निवासी ग्राम ललउवा थाना उन्नाव जिला दतिया , सुनील निवासी गोरामछिया थाना बड़ागांव जिला झांसी थे तथा अन्य अभियुक्त रवि अहिरवार मौके से अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया था अभियुक्तगण के कब्जे से वादी मुकदमा के घर से लूटे गए जेवरात और नगद धनराशि ,बैंक की पासबुक वह वादी मुकदमा के आधार कार्ड बरामद हुए थे। वादी मुकदमा को फोन करके मौके पर बुलाया गया था जिसने मौके पर आकर अपने जेवरात आधार कार्ड पासबुक की शिनाख्त की थी। गिरफ्तारी के समय अंधेरे का लाभ उठाकर भागे हुए अभियुक्त रवि अहिरवार द्वारा न्यायालय में आत्मसमर्पण किया गया विवेचना के उपरांत विवेचक एस.ओ. परमेन्द्र सिंह द्वारा धारा 394, 302, 411,120b आईपीसी में आरोप पत्र दाखिल किया था।न्यायालय द्वारा अभियुक्तगणों के विरुद्ध उपरोक्त धाराओं में आरोप तय करते हुए विचारण प्रारंभ किया अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्षीगणों की साक्ष्य को विश्वसनीय मानते हुए साक्षीगण की साक्ष्य के आधार पर न्यायालय द्वारा अभियुक्तगणों के विरुद्ध लगाए गये आरोप में परिवर्तन करते हुए धारा- 396 ,411 आईपीसी में आरोप विरचित किया और पुनः अभियोजन को साक्षी प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया , विचारण की कार्यवाही के दौरान अभियुक्त रवि अहिरवार न्यायालय में गैरहाजिर हो गया उसकी लगातार गैर हाजिरी के कारण उसकी पत्रावली न्यायालय द्वारा पृथक कर दी गई तथा शेष अभियुक्तगणो के विरुद्ध विचारण जारी रखा गया, साक्षीगणो की साक्ष्य को विश्वसनीय मानते हुए, अभियुक्तगण को न्यायालय द्वारा धारा 396,411 ipc में दोषसिद्ध किया गया और धारा 396 आईपीसी में आजीवन कारावास , व प्रत्येक को बीस हजार रुपए धनराशि के जमाने से दंडित किया गया जुर्माना अदा ना करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा तथा धारा 411 आईपीसी में तीन वर्ष का कारावास प्रत्येक को पाच हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया गया जुर्माना अदा ना करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। खबर का बॉक्स *महत्वपूर्ण तथ्य* झांसी। वादी मुकदमा की पत्नी अति महत्वपूर्ण साक्षी बनी जिसने अभियुक्तगणो की शिनाख्त की थी। घटना के समय लिया था सूझबूझ से काम अभियुक्तगणो ने उसके कमरे के दरवाजे को दुपट्टे से बांध दिया था दरवाजे की सांस से अभियुक्तगण को देख लिया था वाद में न्यायालय में उनकी शिनाख्त की।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






