झांसी। आज प्रभागीय वन अधिकारी एमपी गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि झांसी वन प्रभाग की गुरसरांय रेंज के अंतर्गत मोतीकटरा अनुभाग के प्रभारी महेंद्र सिंह यादव वन दरोगा को जांच उपरांत आरोपी पाए जाने पर वन संरक्षक झांसी द्वारा निलंबित कर दिया गया। उन्होंने महेंद्र सिंह यादव वन दरोगा पर लगाए गए आरोपों की जानकारी देते हुए बताया कि झांसी वन प्रभाग की गुरसरांय रेंज के अन्तर्गत मोतीकटरा अनुभाग के प्रभारी महेन्द्र सिंह यादव, वनदरोगा को निम्न आरोपों में वन संरक्षक, झांसी द्वारा निलम्बित किया गया। महेंद्र सिंह यादव वन दरोगा द्वारा कार्य अवधि में मद्यपान किया जाना,आप द्वारा दिनांक 28.07.2022 को मद्यपान करके रेंज कार्यालय आये । ड्यूटी के समय मद्यपान करना सरकारी सेवको की सेवा नियमावली 1956 का उल्लंघन है। इसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गुरसराय रेंज के अंतर्गत मोती कटरा अनुभाग के प्रभारी महेंद्र सिंह यादव द्वारा कुण्डा बन्द कर व हंगामा कर राजकीय कार्य में बाधा पंहुचायी । आपने दिनांक 28.07.2022 को मद्यपान करके रेंज कार्यालय आये और आते ही गाली गलौच करने लगे आपके इस कृत्य पर रेंज कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों द्वारा आफिस के अन्दर होकर दरवाजे की कुण्डी लगा ली, बावजूद इसके आप निरन्तर गाली गलौज करते रहे, जिसके कारण राजकीय कार्यो में बाधा उत्पन्न की गयी, जोकि सरकारी सेवको की सेवा नियमावली 1956 का उल्लंघन है। महेंद्र सिंह यादव वन दरोगा द्वारा अपने से उच्च अधिकारी / क्षेत्रीय वन अधिकारी से अभद्रता करना व मारपीट पर उतारू होना। आपके द्वारा दिनांक 28.07.2022 को मद्यपान करके रेंज कार्यालय आये और आते ही गाली गलौच करने लगे। आपके इस कृत्य पर क्षेत्रीय वनाधिकारी द्वारा समझाने पर भी आपके द्वारा उनके साथ अभद्रता की गयी, जोकि सरकारी सेवको की सेवा नियमावली 1956 का उल्लंघन, दिनांक 28.07.2022 को कोतवाली में सब इन्सपेक्टर द्वारा समझाये जाने पर भी नहीं मानना। आपके द्वारा कोतवाली में इन्सपेक्टर के सामने अपने से उच्च अधिकारी से लगातार दुर्व्यवहार किया जाना एवं हाथ पैर तोड़ देने की धमकी देना विभाग की छबि घूमिक करने का घोतक है, जोकि सरकारी सेवको की सेवा नियमावली 1956 का उल्लंघन है। इनके द्वारा बिना पूर्व सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित रहना आपके द्वारा मनमाने ढंग से बिना किसी पूर्व सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित रहकर घोर अनुशासनहीनता की जा रही है, जोकि सरकारी सेवको की सेवा नियमावली 1956 का उल्लंघन है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा





