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तीन वर्ष बाद भी नहीं हुआ अधिवक्ताओं के चैम्बरों का निर्माण उपमुख्यमंत्री से भेंट कर कराया अवगत , शीघ्र ही मामले के निस्तारण का मिला आश्वासन

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झांसी। पूर्व कानून मंत्री एवं वर्तमान उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक द्वारा की गई घोषणा के तीन वर्ष बाद भी कलैक्ट्रेट कम्पाउन्ड में अधिवक्ताओं के चैम्बरों का निर्माण न होने के सम्बन्ध में मंगलवार को राजेश कुमार चौरसिया एड व जिला सह संयोजक भाजपा विधि प्रकोष्ठ समीर तिवारी ने उपमुख्यमंत्री श्री पाठक के आवास पर भेंट कर उन्हें समस्या से अवगत कराया, जिस पर उन्होंने शीघ्र ही मामले के निस्तारण का आश्वासन दिया है।अनुरोध पत्र में बताया कि पुर्व कानून मंत्री श्री पाठक द्वारा करीब तीन वर्ष पूर्व जिला अधिवक्ता संघ झाँसी द्वारा आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अधिवक्ताओं की मांग पर चैम्बर्स निमार्ण हेतु करीब 05 करोड़ रूपये धनराशि स्वीकृत की गयी थी।उक्त चैम्बर्स कलैक्ट्रेट परिसर में(जे०जे०एस०के० के पास) अधिववक्ता भवन को निष्प्रयोज्य एवं ध्वस्ती कराये जाने के उपरान्त अधिवक्ताओं हेतु निर्मित कराये जाने हैं। लेकिन आज भी निर्माण कार्य शुरू किया जाना तो दूर अभी तक ध्वस्तीकरण की कार्यवाही भी शुरू नहीं की जा सकी है।जिसका मुख्य कारण पूर्व जिलाधिकारी श्री बामसी द्वारा आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद लखनऊ उ0प्र0 व विशेष सचिव उ0प्र0 शासन न्याय अनुभाग लखनऊ को प्रेषित पत्र है। जिनको प्रेषित किए जाने की कतई आवश्यकता नहीं थी।क्योंकि उक्त पुराना भवन कलैक्ट्रेट परिसर में होने के कारण जिलाधिकारी स्वंय निर्णय ले सकते हैं। पूर्व जिलाधिकारी द्वारा उक्त पत्र प्रेषित किये जाने के बावत भी बताया कि भवन कलैक्टेट परिसर में है। जिसके ध्वस्त किये जाने हेतु न्याय अनुभाग से भी अनुमति की आवश्यकता नहीं हैं। अनावश्यक पत्राचार के चलते निर्माण कार्य शुरू न होने से शासन की योजना से वंचित अधिवक्ताओं में खासा रोष व्याप्त है तथा शासन-प्रशासन की कार्य प्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं।अधिवक्ताओं के पुराने भवन के कुछ हिस्सों की छत गिरने से कभी भी गम्भीर घटना घटित होने की आशंका भी बढ़ती जा रही है। विपक्षियों को आलोचना करने का भी अवसर मिल गया है।उनका कहना है कि धनराशि स्वीकृत किया जाना ही दिखावा था। इतना ही नहीं इतना विलम्ब हो जाने के कारण उक्त धनराशि भी लैप्स (वापस)हो जाने से अधिवक्ता बन्धु चिंतित हैं। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री श्री योगी व श्री पाठक को मैसेज व पत्राचार के माध्यम से अवगत कराये जाने के तीन माह से अधिक समय के बाद भी समस्या का निदान नहीं होने से अधिवक्ताओं में खासी निराशा व रोष व्याप्त है। पार्टी की नीतियों व कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए जाने लगे हैं। यह भी बताया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी को विगत 11 सितम्बर को प्रेषित प्रार्थनापत्र 16 सितंबर से भास्कर पांडेय (ज्वाइंट सेक्रेटरी) मुख्यमंत्री सचिवालय के यहां लम्बित है। इस बीच पुराने भवन की हालत और जर्जर होती जाने से कभी भी कोई अनहोनी/जनहानि हो सकती है। अनुरोध पत्र में करीब तीन वर्ष पूर्व की गई घोषणा के अनुसार अधिवक्ताओं के लिये चैम्बरों का निर्माण शीघ्रता शीघ्र निस्तारित कराए जाने की मांग पर श्री पाठक ने कहा कि इस सम्बन्ध में शीर्ष उचित कार्यवाही की जाएगी।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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