Home उत्तर प्रदेश पूंजी पतियों और सन्नेसेठो के घरों में कैद नहीं होने देंगे शिक्षा

पूंजी पतियों और सन्नेसेठो के घरों में कैद नहीं होने देंगे शिक्षा

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झांसी। शिक्षा को निजी करण नहीं बनने देंगे। हर वर्ग के व्यक्ति को मिले समान शिक्षा। स्कूल ओर कॉपी किताब की दुकानों का सिंडिके नहीं चलने देंगे। इन मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदेश सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। शुक्रवार को कांग्रेस सरकार के पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ने जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार को ज्ञापन देते हुए मांग करते हुए कहा कि संवैधानिक रूप से हर वर्ग के बच्चों को शिक्षा मिले। यह कानून कांग्रेस की सरकार ने बनाए थे। जिस तरह लोगों को सर्जन का अधिकार है, रोजगार का अधिकार, सूचना का अधिकार है। इसी प्रकार से पूर्व में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने हर व्यक्ति को शिक्षा मिले। इसके लिए शिक्षा का अधिकार बनाया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भाजपा की सरकार ने शिक्षा के अधिकार को व्यवस्त कर दिया गया है। शिक्षा पूरी की पूरी कॉपरेटिव हो गई है। धनाढ्यों के घरों में शिक्षा कैद हो गई है। उन्होंने कहा कि स्कूल ओर कॉपी किताब विक्रेताओं का सिंडिकेट तोड़ा जाए। गरीब बच्चे प्राइवेट स्कूलों में महंगाई के चलते शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे है। क्योंकि शिक्षा को पूरी तरह से पूंजीपतियों के हवाले कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह इस ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग कर रहे कि पूंजीपतियों धनाढ्य लोगों के हवाले जो शिक्षा पद्धति को रख रखा है उसे मुक्त कराया जाए। शिक्षा को निजी हाथों में नहीं सौंपा जाए। धन्नासेठों के स्कूलों की फीस आसमान छू रही है। शिक्षा को पूंजीपतियौ के बंगलों में कैद किया जा रहा है। इसके चलते पूरे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस आज ज्ञापन के माध्यम से मांग कर रही की एक कानून बनाए बच्चों के स्कूल की कॉपी, किताब, ड्रेस आदि पर होने वाली दलाली कमीशन खोरी को बंद कराया जाए जिससे हर वर्ग का गरीब बच्चा को उच्च शिक्षा मिल सके। इस दौरान मनीराम कुशवाह, अमीर चन्द सहित दर्जनों कांग्रेसी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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