
झांसी। जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने आज कलेक्ट्रेट के नवीन सभागार में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा एवं जिला स्तरीय खाद्य सुरक्षा सलाहकार समिति की बैठक ली।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जनपदवासियों के लिए सुरक्षित व स्वास्थ्यप्रद खाद्य एवं औषधि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन संकल्पित है। जनपद में अधोमानक, नकली, मिलावटी अथवा प्रतिबन्धित खाद्य पदार्थों एवं दवाओं का निर्माण/बिक्री और वितरण किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं होगा। ऐसी गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखें, अभियान चलाते हुए नगर में जगह-जगह खाद्य पदार्थों के ढेलों की अभियान चलाते हुए जांच करें और सैंपुल भी लेना सुनिश्चित करें। मिलावटखोरी आमजन के जीवन से खिलवाड़ है। किसी भी सूरत में मिलावटखोरी को सहन नहीं किया जाएगा। सुरक्षा के दृष्टिगत खाद्य पदार्थों के अधिक से अधिक सैंपुल लेते हुए जांच की कार्यवाही तेज की जाए। मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री की हर शिकायत पर तत्काल कार्यवाही हो और मिलावटखोरों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित प्रत्येक फूड इंस्पेक्टर को लक्ष्य निर्धारित करते हुए निर्देशित किया कि त्योहारों के दृष्टिगत क्षेत्र में भ्रमण के दौरान अधिक से अधिक सैम्पुल लिए जाएं। उन्होंने कहा कि जनपद में दूध एवं दूध से बने खाद्य पदार्थों की अभियान चलाते हुए सैम्पुल लिए जाए,उन्होंने निर्देश दिए कि सावधानीपूर्वक खाद्य पदार्थों के सैंपुल लेना सुनिश्चित करें, जांच उपरांत यदि सैम्पुल फेल होता है तो दण्ड दिलाना भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने लंबित सैम्पुल की समीक्षा करते हुए कहा कि जल्द से जल्द परिणाम प्राप्त करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिये कि संचारी रोग अभियान के अंतर्गत क्षेत्र में किसी भी दशा में सड़े-गले फलों का विक्रय न हो। इसे अवश्य कड़ाई से सुनिश्चित करें।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला अधिकारी मृदुल चौधरी ने उपस्थित विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए की जनसामान्य को खाद्य विक्रेताओं द्वारा क्या खिलाया जा रहा है की जानकारी होना होना अनिवार्य है। उन्होंने ताकीद करते हुए निर्देश दिए कि रात्रि में भी नगर के मुख्य बाज़ार जैसे सदर बाज़ार, सीपरी बाज़ार, इलाइट चौराहा, जीवनशाह एवं बुन्देलखण्ड चौराहा के समीप खाद्य पदार्थों के लगे ठेले अथवा दुकानों में विक्रय हो रहे खाद्य पदार्थों के सैम्पुल/ निरीक्षण किए जाएं और सैम्पुल अधोमानक पाए जाने पर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित करें।
बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद के न्यायालयों में वादों की जानकारी प्राप्त की और निर्देश दिए कि प्रभावी पैरवी सुनिश्चित करते हुए अधिकतम वादों का निस्तारण कराया जाए। उन्होंने विभाग द्वारा ए0ओ0 कोर्ट में 190 दायर वादों के सापेक्ष 117 वादों का न्यायालय द्वारा निर्णय कर 28 लाख से अधिक अर्थदंड आरोपित किए जाने पर असन्तोष व्यक्त किया और निर्देश दिए विवादों के निस्तारण में संवेदनशील होकर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा की खाद्य पदार्थ अधोमानक पाए जाने पर विभिन्न प्रावधानों एवं धाराओं के अंतर्गत दंड दिलाया जाना भी सुनिश्चित किया जाए।
नवीन सभागार में आयोजित खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की जिला स्तरीय समिति की बैठक में सहायक आयुक्त खाद्य (द्वितीय)/ अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन श्री पवन कुमार ने बताया कि जनपद में संचालित आवासीय विद्यालयों में अभियान चलाकर Hygiene Rating कराई जा रही है, जिस पर जिलाधिकारी द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक के साथ। समन्वय स्थापित कर जनपद के समस्त शासकीय विद्यालयों पर फोकस करते हुए कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। जनपद की खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को खाद्य लाइसेंस से आच्छादित किये जाने की आवश्यकता पर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभाग से समन्वय स्थापित कर कार्य करने को कहा।
कलेक्ट्रेट नवीन सभागार में आयोजित खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की जिला स्तरीय समिति की बैठक में अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन पवन कुमार ने बताया कि जनपद में त्योहारों के मौसम के अतिरिक्त भी जो खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्र किए गए सभी को टेस्टिंग लैब भेजा गया, नैनो की रिपोर्ट प्राप्त हो गई है जिसमें जो नमूने फेल हो गए उन पर कार्यवाही की जा रही है।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी सीवी जुनैद अहमद,अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वरुण कुमार पाण्डेय, डीआईओएस श्रीमती रति वर्मा, सीएमएस मेडिकल कॉलेज डॉ0 खुशतर हैदर, डॉ0 उत्सव राज,सहायक आयुक्त खाद्य-2 एवं अभिहित अधिकारी पवन कुमार, सहित सर्किल इंस्पेक्टर व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


