Home उत्तर प्रदेश दहेज हत्यारोपी सास, ससुर व देवर की जमानत अर्जी खारिज

दहेज हत्यारोपी सास, ससुर व देवर की जमानत अर्जी खारिज

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झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश, कक्ष सं०-2 विजय कुमार वर्मा की अदालत में दहेज लोभी सास ससुर व देवर की जमानत अर्जीखारिज कर दी गई।सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेन्द्र पांचाल के अनुसार वादी मुकदमा मलखान सिंह ने ३० नवम्बर २०२१ को तहरीर देते हुए बताया था कि २९. नवंबर को उसकी पुत्री की शादी ग्राम सिकन्दरा निवासीमानवेन्द्र पुत्र अजीत प्रसाद के साथ २९ अप्रैल २०१७ को हिन्दू रीति-रिवाज से सम्पन्न हुई थी, किन्तु शादी के बाद से ही बिटिया के ससुराल वाले अनावश्यक तौर से तंग व परेशान करते रहते थे।कई बार समाज के लोगों के बीच आपसी समझौता हुआ, किन्तु विगत २८ नवम्बर २०२१को पति ने ससुर के सहयोग से बहुत मारपीट की। साथ में एक राय होकर ससुर अजीत प्रसाद , सास भूरी देवी व और किशुन बिहारी देवर ने दबाव बनाकर मानवेन्द्र के द्वारा लात-घूसों व लाठी-डण्डों से पिटवाया व जमीन पर पटककर सास ने गला दबाये रखा और मानवेन्द्र ने जबरिया मुँह में जहर खिलाया, जिस वजह से उसकी बेटी की मृत्यु हो गई। पांच लाख रूपये की मांग पूरी नहीं होने पर बेटी को जान से मार दिया गया। ससुर अजीत प्रसाद का चाल-चलन अच्छा नहीं था। वह भी बिटिया को बुरी नजर से देखताथा। उक्त बातों को छिपाने की वजह से सभी लोगों ने मिलकर मेरी बिटिया को जान से मार दिया, जिसकी सूचना एक दिन बाद मुझे दी गयी। तहरीर के आधार पर संबंधित थाने परमानवेन्द्र, अजीत प्रसाद, श्रीमती भूरी देवी एवं किशुन बिहारी उर्फ गोलू के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया।उक्त मामले में ससुर अजीत प्रसाद, सास श्रीमती भूरी देवी व देवर किशुन बिहारी उर्फ गोलू की ओर से धारा- ४९८ए, ३०४बी भा०द०सं०एवं धारा-३/४ डी०पी० एक्ट के तहत प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाईउपरांत न्यायालय द्वारा पर्याप्त आधार नहीं मानते हुए तीनों के जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिये गये।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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