झांसी। श्री गणेश एवम दुर्गा उत्सव महासमिति के तत्वावधान में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमे बताया गया की दुर्गा समिति के नाम पर कुछ प्रतिमा स्थापित करने वाले लोगों को डराया धमकाया जा रहा जो गलत है। उन्होंने उन्होंने कहा की दुर्गा विसर्जन धूमधाम से मनाया जायेगा और किसी भी प्रतिमा विसर्जन करने वालों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। श्री गणेश एवम दुर्गा उत्सव महासमिति के अध्यक्ष आरके सहारिया और महामंत्री अंचल अड़जरिया ने आयोजित की गई पत्रकार वार्ता में बताया की महानगर के अन्दर दुर्गा जी की 648 प्रतिमायें व ग्रामीण क्षेत्रों में 455 प्रतिमायें कुल 1053 प्रतिमायें स्थापित की गई है। जो झॉसी जिले के अलग-अलग नदी, कुण्ड, तालाबों में विसर्जित होने के लिए जायेगी। झॉसी महानगर में प्रतिमायें लक्ष्मी ताल स्थित गणेश कुण्ड, सिमरधा, पहुंज स्थित आल्हा घाट, रेलवे डैम आदि क्षेत्रों में जाती है। जहां पर प्रशासन के द्वारा गोताखोरो, नाव आदि की व्यवस्था की गई है।सभी दुर्गा उत्सव समितियों से अनुरोध है कि माँ की प्रतिमा विसर्जन यात्रा में गुलाल न उड़ाये एवं विसर्जन करते समय अवश्य देख लें कि मूर्ति के पीछे कोई व्यक्ति है तो नही, क्योंकि हमें अपने को सुरक्षित रखकर अपने त्यौहारों को अच्छी तरह से शान-शौकत से मनाना है।दुर्गा प्रतिमायें आम जनमानस के सहयोग से स्थापित की जाती है। समितियों पर इतना फण्ड नही होता है कि वो सी०सी०टी०वी० कैमरे लगा सके।अतः प्रशासन से अनुरोध है कि हो सके तो वह सी०सी०टी०वी० कैमरे लगवाये, समितियां बड़ी मुश्किल से 10 के उत्सव के फण्ड को जुटा पाती है और इसमें 20,000/- रूपये का अतिरिक्त खर्चा है जो वहन कर पाना सम्भव नही है।सभी दुर्गा उत्सव समितियों में कम से कम 11 सदस्य होते है जिनकी बारी-बारी से रात्रि में भी ड्यूटी रहती है। अतः प्रतिमाओं की सुरक्षा सभी अपने अनुसार अच्छी तरह से करते हैं। आप लोगों के पास में प्रतिदिन पुलिस की पिकेट भी जाती होगी। कोई भी समस्यायें हो उनको तुरन्त अवगत करायें।दुर्गा जी, काली जी एक बार उठती है तो फिर कही भी रूकती नहीं है। अतः इन्हें रोकने का प्रयास न किया जाये ।जिस तरह से सभी दुर्गा उत्सव समितियां अभी तक उल्लास के साथ शांतिपूर्ण ढंग से परम्परागत तरीके से प्रतिमा विसर्जन यात्रा निकालती रही है। उसी तरह से धूमधाम के साथ अपनी प्रतिमाओं को विसर्जन स्थल तक लेकर जाये ।अभी तक किसी भी दुर्गा प्रतिमा के साथ में विसर्जन यात्रा में आज तक कोई डी० जे० गया नही है । अतः सभी दुर्गा प्रतिमाओं समितियों से अनुरोध है कि आप ढोल, नगाड़े, बैण्ड जो परम्परागत रूप से पहले निकलते रहे है उन्ही के साथ जाये। डी०जे० न करे। डी0जे0 की जगह पर जो प्रतिमायें वाहनों में जाती है वो जिस तरह से चार वाक्स लगाकर निकलते रहे है उसी तरह से चार वाक्स दो तोरई लगाकर निकल सकते है।हम सभी दुर्गा उत्सव समितियों को एक-दूसरे का सहयोग प्रशासन का सहयोग करते हुये अपने उत्सव को त्यौहार को अच्छी तरह सम्पन्न करना है यह हम सबकी जिम्मेदारी है।सभी रामलीला कमेटियों, रामलीलाओं का मंचन करती है। आखिरी दिन
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






