झांसी। राजस्व अभिलेखों में गलत नाम दर्ज किए जाने का आरोप लगाते हुए चिरगांव निवासी एक अधिवक्ता द्वारा तत्कालीन तहसीलदार आदि सहित 25 के खिलाफ धारा 156(3) के अन्तर्गत मामले में आरोपियों के पक्ष में ग़लत तथ्यों पर आख्या प्रस्तुत किए जाने की शिकायत पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा विवेचक/उपनिरीक्षक थाना चिरगांव को पुनः आख्या प्रस्तुत करने के लिए तलब किया गया है।ज्ञात हो कि मातनपुरा चिरगांव निवासी अधिवक्ता मधुसूदन शर्मा पुत्र ज्वाला प्रसाद ने विपक्षियों द्वारा राजस्व लेखपाल से सांठगांठ कर कीमती भूमि पर गलत तरीके से नाम अंकित कराए जाने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन तहसीलदार मोंठ सहित 25 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया गया था। न्यायालय द्वारा थाना चिरगांव से आख्या मांगी गयी थी। पीड़ित अधिवक्ता ने आरोप लगाते हुए न्यायालय में बताया कि विवेचक द्वारा विपक्षियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ग़लत तथ्यों पर आख्या प्रस्तुत की गयी है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस रिपोर्ट का अवलोकन कर विवेचक/उपनिरीक्षक थाना चिरगांव को आगामी 08 मई को पुनः स्पष्ट आख्या प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया गया है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






