झांसी।वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के साथ ही उनकी ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता जॉन लैंग का योगदान भी भुलाया नहीं जा सकता। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जान लैंग ने निर्भीक होकर महारानी लक्ष्मीबाई की पैरवी की थी।यह विचार जान लैंग की जयंती अवसर पर जजी कम्पाउन्ड स्थित जिला अधिवक्ता संघ के हाल में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अधिवक्ताओं ने व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि जॉन लैंग ने देशी-विदेशी, जाति-पाति और धर्म से परे एक अधिवक्ता के रूप में आस्ट्रेलिया से भारत आकर बिना किसी भय के अधिवक्ता धर्म का पालन करते हुये अपने प्राणों की आहूति दे दी । अध्यक्षता करते हुये पूर्व संयुक्त सचिव श्रीमती साधना सिंह ने कहा कि भारत के न होते हुये भी जॉन लैंग ने भय भरे माहौल में निर्भय होकर महारानी लक्ष्मीबाई का साथ देकर अधिवक्ता के दायित्वों का पूर्ण निर्वाहन किया। जिला अधिवक्ता संघ के वरिष्ठ सदस्य राजेश चौरसिया ने कहा कि जॉन लैंग ने मुफलिस नामक अखबार प्रकाशित कर अंग्रेजों की बर्बरता को जनता के सामने उजागर किया था। पूजा यादव ने कहा कि झाँसी रानी के साथ ही जॉन लैग का नाम इतिहास के पन्नों में अमर रहेगा | इस अवसर पर हर्षना उदय ,पूजा यादव , पूर्व सचिव केपी श्रीवास्तव , साधना सिंह, राजेश कुमार चौरसिया, जयदेवी साहू, मुकेश सिंघल ,मो.फारुक, श्रीमती मनीषा मिश्रा, प्रभात कुमार सिंह, मनीष श्रीवास्तव, अनुपम शुक्ला, संजीव शर्मा,कमर उल्ला, आरती राजपूत, राघवेन्द्र राय,नरेन्द्र लोधी आदि अधिवक्ताओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






