झांसी। अकसर पुलिस पर अमानवीय व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगते रहते है ओर इन आरोपों के चलते पुलिस लगातार सुर्खियों में रहती है। लेकिन ऐसा नहीं आज भी पुलिस में मानवता जिंदा है। इन मानवता की मिशाल मंडी चौकी पुलिस ने पेश की। जहां पांच लाख कीमत से भरे जेवरातों का बैग भूल कर अपने घर पहुंच चुकी महिला ओर उसके परिवार के लोग काफी दुख और संकट में थे। ऐसे में एक फोन कॉल के आने पर उनके चेहरे पर मुस्कान लौट आई। यह मुस्कान लाने वाला कोई ओर नहीं बल्कि झांसी की पुलिस ही थी। मामला यह था कि चिरगांव थाना क्षेत्र के मिनी गांव निवासी कीर्ति सिंह अपने पति भारत सिंह के साथ झांसी में आयोजित किसी विवाह में शामिल होने आई थी। वह दोनो बस से झांसी बस स्टेंड उतरे और यही अपना बैग भूल गए। बैग में करीब पांच लाख कीमत के सोने चांदी के जेवरात रखे थे। दंपत्ति को इस बात की खबर नहीं थी कि उनका बैग छूट गया ओर जहां छूटा। आज दोपहर एसएसपी श्रीमती सुधा सिंह के निर्देशन में मंडी चौकी प्रभारी अंकित पवार अपनी टीम के साथ गस्त कर रहे थे। तभी उनकी नजर लावारिश पड़े बैग पर पड़ी है। जब उस बैग को खोलकर उसकी तलाशी ली तो उसके अन्दर पांच लाख कीमत से अधिक के जेवरात सोने चांदी के रखे थे। इधर पुलिस इस बैग के स्वामी की तलाश कर रही थी। उधर महिला ओर उसका परिवार घर में मायूस बैठा था। तभी पुलिस को तलाशी के दौरान बैग में मिली बैंक पास बुक ओर आधार कार्ड के आधार पर पुलिस ने उसका मोबाइल नंबर खोजा और फोन कर संपर्क किया। महिला ओर उसके परिजनों ने सुना कि उनका खोया हुआ बैग उसमें रखे जेवरात सभी सही सलामत है और पुलिस के कब्जे में है। यह सुनकर उनके चेहरों पर मुस्कान आ गई और पुलिस के इस सराहनीय कार्य की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए चौकी पहुंच कर अपना जेवरात से भरा बैग लेकर अपने घर की ओर चले गए।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






