झांसी। झांसी सिंचाई विभाग में वर्ष 2017 में फर्जी मार्कशीट पर नौकरी करते पकड़े गए मोहम्मद असलम के बाद विवेचना के दौरान प्रकाश में आए आरोपी बिहार के मंदार विद्यापीठ के लिपिक त्रिभुमन प्रसाद सिंह को न्यायालय सत्र न्यायधीश झांसी कमलेश कच्छल की अदालत ने जमानत देने से इंकार करते हुए उसका जमानती प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है। आरोपी करीब पंद्रह दिन से जेल में ही है। अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता डीजीसी मृदुलकांत श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि भ्रष्टाचार निवारण संगठन झांसी के पुलिस उपाधीक्षक ने शासन के निर्देश पर हुई खुली जांच में मोहम्मद असलम को झांसी सिंचाई विभाग में फर्जी मार्कशीट पर नौकरी करते हुए पकड़ा था। इसकी जांच के दौरान प्रकाश में आया कि मोहम्मद असलम ने बिहार के मंदार विद्यापीठ स्कूल की वर्ष 1970 की जो मार्कशीट लगाई थी उसके कुलसचिव ने लिखित बताया कि उनके यहां मोहम्मद असलम नाम के किसी व्यक्ति ने उपाध्याय परीक्षा पास नहीं की है। वही जब भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने जांच के दौरान उसी विद्यापीठ के लिपिक त्रिभुवन प्रसाद से रजिस्टर्ड आदि जांच पड़ताल किए तो उसमें अलग से हैड राइटिंग में मोहम्मद असलम का नाम उपाध्याय परीक्षा में दर्शा दिया। जो पूर्ण रूप से धोखाधड़ी के अपराध में संलिप्तता दर्शा रहा है। इस पर त्रिभुवन प्रसाद तभी से फरार चल रहा था। आरोपी त्रिभुवन प्रसाद ने 17 जुलाई 2025 को न्यायालय में समर्पण कर दिया था। आज आरोप की ओर दी जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसकी सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी को जमानत देने से इंकार करते हुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


