
झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान संस्थान में राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। यह आयोजन भारत के महान पुस्तकालय वैज्ञानिक डॉ. एस. आर. रंगनाथन की जयंती पर आयोजित हुआ, जिन्होंने पुस्तकालय विज्ञान को नई दिशा और पहचान दी। मुख्य अतिथि, पुस्तकालय विज्ञान के शिक्षाविद प्रो. जी. एन. गौतम, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, ने अपने संबोधन में डॉ. रंगनाथन द्वारा लाइब्रेरियन को शिक्षक के समान दर्जा दिलाने और पुस्तकालय विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में सिद्धांत स्थापित करने के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी कहा कि आज का तकनीकी युग छात्रों के लिए निरंतर बदलते परिवेश के अनुरूप खुद को ढालने की चुनौती लेकर आया है।
विशेष अतिथि एवं पूर्व संकाय सदस्य प्रो. वी. पी. खरे ने वर्तमान संकाय और छात्रों के प्रति खुशी व्यक्त करते हुए आईआईटी बॉम्बे पुस्तकालय में अपने अनुभव साझा किए। कला संकाय के डीन प्रो. मुन्ना तिवारी ने कहा कि पुस्तकालय और पुस्तकें जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं और इनमें सभी विषयों के छात्रों के भविष्य को गढ़ने की अपार क्षमता है। पत्रकारिता संस्थान के समन्वयक डॉ. कौशल त्रिपाठी ने एक प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक के समाचार पुस्तकालय में इंटर्नशिप के अपने अनुभव को साझा किया।
अतिथियों का स्वागत संस्थान की विभागाध्यक्ष डॉ. ऋतु सिंह ने किया। संचालन डॉ. विनोद कुमार ने, धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. रुपेंद्र सिंह ने रखा। इस अवसर पर डॉ. ज्योति गुप्ता, डॉ. निधि श्रीवास्तव, सुनील कुमार, शोधार्थी अंकुर व आयुषी सहित बि.लिब एवं एम.लिब तथा आठवीं बैच के स्कॉलर्स उपस्थित रहे। यह आयोजन पुस्तकालय विज्ञान के प्रति जागरूकता, सम्मान और नवीनता को बढ़ावा देने वाला रहा।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


