झांसी। वित्तीय वर्ष 2025=26 का पेश किया गया बजट आर्थिक वृद्धि, रोजगार, सृजन ओर सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता देने वाला है। यह बात सीए निमेष खन्ना ने कही। उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। यह बजट आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन और सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता देने वाला बजट है। सरकार ने इस बार करदाताओं, स्टार्टअप्स, व्यापारियों और आम जनता को राहत देने के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं।इस बार की नई कर संरचना में बड़ी राहत दी गई है। अब रु.12 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा, जबकि वेतनभोगियों के लिए यह सीमा रु.12.75 लाख तक कर दी गई है। वरिष्ठ नागरिकों को राहत देते हुए ब्याज आय पर छूट रु.1 लाख तक बढ़ाई गई है और किराए पर टीडीएस की सीमा रु.6 लाख कर दी गई है। अब करदाता अपडेटेड रिटर्न को दो साल के बजाय चार साल तक फाइल कर सकेंगे, जिससे कर प्रशासन और अधिक पारदर्शी और सुगम बनेगा।स्टार्टअप्स और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार ने बड़े फैसले लिए हैं। स्टार्टअप्स को कर लाभ की अवधि 2030 तक बढ़ा दी गई है, जिससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, MSME सेक्टर को मजबूत करने के लिए नए वर्गीकरण मानदंड लागू किए गए हैं, जिससे छोटे और मध्यम व्यापारियों को भी फायदा मिलेगा।विदेशी प्रेषण पर टीसीएस की सीमा रु.7 लाख से बढ़ाकर रु.10 लाख कर दी गई है। सरकार ने सामाजिक कल्याण और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें 36 जीवनरक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी समाप्त कर दी गई है। धर्मार्थ ट्रस्टों का पंजीकरण अब 10 वर्षों तक वैध रहेगा, जिससे समाजसेवी संगठनों को लाभ मिलेगा।यह बजट कर राहत, निवेश वृद्धि, रोजगार सृजन और डिजिटल कर प्रशासन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और आम नागरिकों के लिए वित्तीय सुगमता बढ़ेगी।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






