झांसी। धन की दम पर खुद को क्षेत्र में बलशाली बनाने के लिए पहले बसपा, फिर सपा फिर भाजपा में अपना रूतवा कायम कर पार्षद पद का चुनाव लेने वाले घमंड में चूर प्रत्याशी को बसपा और भाजपा से पार्षद पद पर दो बार नकार चुकी क्षेत्र की जनता इस दल बदलू को पसंद नही कर रही। लेकिन यह दल बदलू अपना प्रभाव बनाने और खुद को बलशाली साबित करने के लिए धन बल के दम पर दोबारा सत्ता की पार्टी से पार्षद पद का टिकट लेने का दावा कर रहा है। वही क्षेत्र की जनता भी इसे फिर हार का स्वाद चखाने के लिए तैयार बैठी है। खुद को लाभ अर्जित करने के लिए लगातार तीन तीन पार्टियां बदलने वाले इस प्रत्याशी पर क्या सत्ता की पार्टी विचार करेगी। अगर धन बल की दम पर ऐसे प्रतियाशियो को सत्ता में रहने वाली पार्टी पार्षद पद का टिकट देती है तो वह लोग दूरी बना लेंगे जो वर्षों से बिना किसी लालच मंशा के पार्टी की सेवा भाव कर रहे है।हम बात कर रहे है, झांसी नगर निगम के वार्ड नंबर 48 मेवाती पुरा की। यहां एक ऐसा प्रत्याशी है, जो पहले बसपा सत्ता में थी तब पार्षद पद का टिकट लाया और हार गया। फिर सपा सत्ता में आई तो उसका मजा चखने के लिए सपा में शामिल हुआ। फिर जब भाजपा सत्ता में आई तो शामिल हो गया और टिकट लेकर चुनाव हार गया। ऐसे प्रत्याशी के पास धन है, ओर उसी की दम पर बल एकत्रित कर लेता है, लेकिन इनके पास जनता का दिल नहीं। तीन बार नकार चुकी जनता का रिपोर्ट कार्ड देखे बिना अगर सत्ता की पार्टी इस बार ऐसे प्रत्याशी को टिकट देगी तो क्षेत्र में बचा पार्टी का वर्चस्व भी समाप्त हो जाएगा। ऐसे में इन जैसे प्रत्याशियों पर सभी पार्टियों को रणनीति बनाकर क्षेत्र में भ्रमण कर प्रत्याशियों की जनता में कितनी पकड़ है, इसकी नब्ज टटोलने के बाद ही निर्णय लेना चाइए।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा






