Home उत्तर प्रदेश बंग्लादेशी नागरिक का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त

बंग्लादेशी नागरिक का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त

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झांसी । बिना पासपोर्ट के अवैध रूप से किराए के मकान में रहते हुए पुलिस द्वारा गिरफ्तार बंग्लादेशी नागरिक का जमानत प्रार्थनापत्र जिला एवं सत्र न्यायाधीश ज्योत्सना शर्मा की अदालत में निरस्त कर दिया गया। इतना ही नहीं अभियुक्त के पैरोकार की भी संदिग्ध गतिविधियों के चलते एसएसपी को जांच के निर्देश दिए गए हैं।जानकारी देते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव ने बताया कि अभियुक्त अलामीन उर्फ मिन्टू बांग्लादेश का निवासी है, जिसने बगैर वैध प्रपत्रों के देश में प्रवेश किया और अवैध रूप से जनपद झाँसी में रहते हुये, हथियार बेचने का कार्य कर रहा था। उसके द्वारा फर्जीवोटर आई०डी० भी बनाई गई। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार करधारा- १४७, १४८, १४९. १८६३०७,४२० भाव्दसं० एवं धारा-३,६ पासपोर्ट एक्ट व धारा- १४/१५ फोरनर्स एक्ट के तहत थाना सीपरी बाजार में मुकदमा दर्ज किया था।।अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत जमानत आवेदन को न्यायालय ने संदिग्ध मानते हुए जाँच हेतु एस०एस०पी० को सूचित किये जाने के निर्देश दिए।सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि प्रार्थनापत्र एवं संलग्न शपथपत्र पर अभियुक्त के तथाकथित पैरोकार का नाम इब्राहिम खान पुत्र अब्दुल हमीद, निवासी-वार्ड नं०- २० नजदीक जामा मस्जिद मकान नं-बी- १३३ बौद्ध नगर लोनी, लोनी देहात गाजियाबाद अंकित है। परन्तु जो हस्ताक्षर अंकित है वो अंग्रेजीके कैपिटल लेटर में ईव्हीएम लिखा हुआ है। हस्ताक्षर एवं नाम के मध्य कोई सामंजस्य या औचित्यपूर्ण सम्बन्ध न पाने पर एस०के० गौतम एड से पैरोकार को सामने बुलाने को कहा गया। लें, जिससे इस तथ्य को स्पष्ट किया जा सके कि वास्तव में अभियुक्त अलामीन उर्फ मिन्टू पुत्र अब्दुल हमीद, जिसका पता निवासी-मनं०-६०/ ९५ गली नं०-३ सभापुर गुजरान करावल नगर उत्तर पूर्व दिल्ली,दर्शाया गया है, की ओर से सही व्यक्ति द्वारा पैरोकारी की जा रही है तथा यह स्पष्ट हो सके कि उसका आवेदक से क्या सम्बन्ध है। इस पर अधिवक्ता ने बताया कि पैरोकार न्यायालय कक्षके बाहर उपस्थित है, मैं बुलाकर लाता हूँ। परन्तु समय १.३० बजे दोपहर तक न ही आवेदक के अधिवक्ता उपस्थित आये और न ही किसी व्यक्ति या किसी पैरोकार को प्रस्तुत किया और न ही कोई स्थगन दिया गया। मामले की संदिग्धता को देखते हुए एसएसपी को जांच के निर्देश दिए गए हैं।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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