झांसी। अपर सत्र न्यायधीश पोस्को एक्ट नेयाज अहमद मंसूरी की अदालत ने नाबालिग बालिका को बहला फुसला कर भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी की जमानत याचिका सुनवाई के बाद अस्वीकार कर दी। अभियोजन की ओर पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह ने बताया कि एक सहारिया जाति की महिला ने रक्सा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि 6 मई 2024 को वह अपनी नाबालिग पुत्री के साथ घर पर अकेली थी। तभी नई बस्ती एरच थाना क्षेत्र का रहने वाला उपेंद्र सहारिया अपने जीजा और एक अन्य साथी के साथ उसके घर आया जिन्हे वह जानती पहचानती थी। तीनो ने कहा कि उन्हें बाहर जाना है, लेकिन रात हो गई इसलिए यही रुकेंगे। महिला ने बताया कि सभी लोगों ने खाना खाने के बाद सो गए और वह अपनी पुत्री के साथ घर में ही सो गई। सुबह जब उसकी आंख खुली तो देखा उपेंद्र और उसके साथी गायब थे साथ ही उसकी नाबालिग पुत्री भी गायब थी। महिला का आरोप था कि तीनो उसे बहला फुसला कर भगा ले गए। पुलिस ने विवेचना करते हुए नाबालिग को बरामद कर उपेंद्र को गिरफ्तार कर लिया था। मेडिकल परीक्षण और पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने मुकदमे में 376 ओर पोस्को एक्ट की धारा की बढ़ोत्तरी कर आरोपी को जेल भेज दिया था। आज आरोपी उपेंद्र ने अपना जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय में दिया। जिसका शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह ने विरोध करते हुए न्यायलय से अपील करते हुए कहा कि नाबालिग का अपहरण कर बलात्कार करने जैसा जुर्म जमानत देने के लायक नही। न्यायालय ने सुनवाई करने के बाद आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






