झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पोस्को एक्ट मोहम्मद नेयाज अहमद अंसारी की अदालत ने 27 मई 2024 को दो किशोरियों के साथ हुए गैंगरेप की घटना के आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र इस आशय से निरस्त कर दिया कि अपराध काफी जघन्य है, जमानत देने योग्य नही है।अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाह ने जानकारी देते हुए 16 जून 2024 को एक व्यक्ति ने समथर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि 26 मई2024 को वह बाहर मजदूरी करने गया था। घर पर उसकी नाबालिग पुत्री और बड़ी बेटी मोजूद थी। तभी शौकीन खान, आकिब खान और साहिल एक राय होकर आए और उसकी दोनो पुत्रियों को गंदी गंदी गाली गलौज करते हुए अश्लील हरकते की ओर दुष्कर्म की घटना की अंजाम देकर भाग गए। पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया था। इस प्रकरण तीनो आरोपियों को जेल भेज दिया था। आज जेल में बंद अभियुक्त आकिब खान का जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसका शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह ने विरोध करते न्यायालय से आग्रह करते हुए बताया कि अपराध काफी घिनौना है और यह जमानत देने योग्य नही । न्यायलय ने शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह की अपील को स्वीकार करते हुए आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






