झांसी। दो अलग अलग स्थानों पर नाबालिगों से दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम देने वाले दो आरोपियों के जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश पोस्को एक्ट मोहम्मद नेयाज अहमद अंसारी की अदालत ने दोनो के प्रार्थना पत्र निरस्त करते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया है। अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया कि वादी ने 16 नवंबर 2024 को मऊरानीपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि नरेंद्र विश्वकर्मा उसकी पुत्री को बहला फुसला कर भगा ले गया था और उसके साथ जबरन बलात्कार कर उसे जान से मारने की धमकी देकर चुप रहने को कहा था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था। इसी प्रकार वादी ने 5 फरवरी 2025 को तोड़ी फतेहपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि नवलू उर्फ नवल किशोर उसकी 16 वर्षीय पुत्री को भगा ले गया ओर उसे डरा धमका कर उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था। शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह ने बताया कि दोनों अलग अलग मुकदमों के आरोपी तभी से जेल में है, आज न्यायालय में दोनों के जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए गए जिनका विरोध किया गया। न्यायालय ने गंभीर अपराध होने पर दोनों आरोपियों को जमानत देने से इंकार करते हुए उनके जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिए है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






