झांसी। धोखाधड़ी कर जमीन का बैनामा किए जाने के मामले में आरोपी का जमानत प्रार्थनापत्र प्रभारी सत्र न्यायाधीश शक्तिपुत्र तोमर द्वारा निरस्त कर दिया गया।जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव के अनुसार वादी मुकदमा कमलेश लिखधारी ने विगत २८ फरवरी २००५ कोथाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसने अन्य लोगों के साथ भूमि जरिये रजिस्टर्ड बैनामा फजल अहमद से खरीदी थी व खरीद के बाद से मौके पर दुकानें आदि बनाकर काबिज चले आ रहे हैं। आराजी के सम्बन्ध में जगदीश नारायण आदि व फजल अहमद के मध्य काफी मुकदमे चले। सिविल जज से लेकर उच्चतम न्यायालय तक जगदीश नारायण आदि तीन बार पराजित हो गये। जगदीश नारायण व उनके पिता स्व० जुगल किशोर के हक में किये गये बैनामें शून्य वअवैध करार दिये गये। उपरोक्त व्यक्तियों को आराजी बैनामा शुदा से बेदखल कर कब्जा दखल भी फजल अहमद को दिलाया जा चुका है। इसके बावजूद जगदीश नारायण, परमेश्वरी नारायण व हरिकृष्ण ने उपरोक्तआराजी में से चार किता आराजी नम्बरान का बैनामा धोखाधड़ी की नियत से रमेश राय के हक में ०९ मई २००० को कर दिया था ।जिस पर धारा ४२० भारतीय दण्ड संहिता के तहत थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। उक्त मामले में अभियुक्त हरिकृष्ण श्रीवास्तव पुत्र स्व० हरनारायन निवासी मुकरयाना, झाँसी की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र पर सुनवाई उपरांत अपराध की प्रकृति एवं गम्भीरता तथा प्रस्तुत मामलेके तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया गया।झांसी।दो लाख रुपए की मांग को लेकर उत्पीड़न कर हत्या के मामले में जिला कारागार में बंद आरोपी सास का जमानत प्रार्थनापत्र प्रभारी सत्र न्यायाधीश शक्तिपुत्र तोमर की अदालत में निरस्त कर दिया गया।जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव के अनुसार वादी मुकदमा ख्यालि राम द्वारा २८ जून २०२२ को थानाबबीना में तहरीर देते हुए बताया था कि उसने अपनी पुत्री रश्मी का विवाह ३० अप्रैल २०१२ कोग्राम बुढपुरा निवासी सुरेन्द्र अहिरवार पुत्र नत्थू अहिरवार से किया था। विवाह के बाद से ही सुरेन्द्र व उसकी मा अवध कुमारी द्वारा रश्मी को दहेज के लिये प्रताड़ित किया जा रहा था। सुरेन्द्र और उसकी मां अवध द्वारा २ लाख रूपये की मांग की जा रही थी। जिसे पूरा करने में असमर्थ था। इसलिये सुरेन्द्र और उसकी मां ने २५ जून को सुबह करीब ६ बजे रश्मी की बेरहमी से पिटाई कर उसकी हत्या करने के बाद सुरेन्द्र ने फोन पर सूचना दी कि मैंने तुम्हारी पुत्री रश्मी को जान से मार दिया है तथा धमकी दी कि यदि मेरे खिलाफ कानूनी कार्यवाही की तो तुम्हें भी जान से मार देंगे। उक्त तहरीर के आधार पर धारा ३०४, ५०६ ४९८ए भादं०सं० एवं धारा ३/४ दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत थाना बबीना में मुकदमा पंजीकृत किया गया। जिला कारागार में बंद अभियुक्ता श्रीमती अवध द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र पर सुनवाई उपरांत अपराध की प्रकृति एवं गंभीरता को देखते हुये जमानत का आधार पर्याप्त न मानकर न्यायालय द्वारा प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






