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वसीयत भी करा लो मुझसे अपनी जान कर दूंगा वतन की आन के खातिर मैं सब कुर्बान कर दूंगा…..

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झांसी| स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 16 अगस्त दिन शनिवार को दोपहर 11 बजे से पयाम ए इंसानियत फोरम के तत्वावधान में एस राधाकृष्णन इंटर कॉलेज दीन दयाल नगर झांसी में शानदार कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया जिससे स्थानीय कवि शायरों के अलावा देश के नामचीन कवि और शायरों ने अपने कलाम पेश किए कवि सम्मेलन मुशायरा की अध्यक्षता अलीम अहमद साहब ने की कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ओ एस भटनागर अध्यक्ष पेंशनर्स एसोसिएशन रेलवे मंडल झांसी रहे कार्यक्रम में स्थानीय कवि शायरों के अलावा बाहर से आये शायरों ने एक से बढ़कर एक शेर सुनाकर श्रोताओं की वाहवाही बटोरी
हर साल की तरह इस साल भी एस. राधाकृष्णन इंटर कॉलेज दीन दयाल नगर झांसी में स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर हिंदू मुस्लिम क़ौमी एकता की मिसाल कायम करते हुए पयाम ए इंसानियत फोरम द्वारा शहीदों की याद में जश्न ए आजादी के नाम कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया जिसमें देश के जाने-माने कवि सबीह हाशमी छतरपुर ने कहा/ वसीयत भी करा लो मुझसे अपनी जान कर दूंगा/ वतन की आन के खातिर जान भी कुर्बान कर दूंगा, लव-कुश नगर से आए शायर मकसूद शाद ने पढ़ा / अश्क जो ठहरे हुए हैं / किसी सैलाब को रोके हुए हैं वैभव दुवे ने पढ़ा / मै राजा था हांथी पर बैठा रहा / वो घोड़े पर बैठकर रानी को ले गया,डा. मकीन कौचवीं ने कहा / सूरज समझ रहा था जिसे वो चिराग था / कुछ देर मेरे साथ जला और बुझ गया मकसूद बस्तबी ने कहा / आपसे कितनी मुहब्बत से जुड़े रहते हैं / लोग अपनी जरूरत से जुड़े रहते हैं अर्जुन सिंह चांद ने पढ़ा / खड़ा हिमालय शीश मुकट सा अपना सीना तान / हमारा भारत बर्ष महान, सरफराज मासूम ने कहा/ चाहे जितना करें मजबूर जमाने वाले / अपना भारत नहीं छोड़कर जाने वाले,हास्य के वरि. कवि सत्यप्रकाश ताम्रकार सत्य ने करारा व्यंग करते हुए कहा/ आदमी से गधा कह देना / मगर गधा से आदमी मत कहना, शेख आजाद अंजान ने कहा/ कब तक तुम्हारी बेरुखी पे जिंदा रहेंगे हम / ये सोचकर के वक्त ने हंसना सिखा दिया हास्य के वरि कवि देवेन्द्र रावत नटखट ने कहा / दुनिया को मुठ्ठी में बंद करने चले थे हम / हमसे हमारे हाथ से बच्चे निकल गये ,सगीर अहमद ने कहा / जंग लाजिम है तो आओ फिर जंग सही , उस्ताद शायर जाहिद कौंचवी ने पढ़ा/ घिनोने काम करते हो शहीदों को लजाते हो / अमीरों को बनाते हो गरीबों को मिटाते हो के बाद शायर गनी दानिश ने अपने गीत ग़ज़लों से कार्यक्र को ऊंचे मुकाम पर पहुंचा दिया इस मौके पर वरिष्ठ शायर जाहिद कौंचवी,हाजी मजहर खान, उस्मान अश्क, साहिर अली,हाजी सलीम खान, जैनुल आब्दीन , सरफराज मासूम,अरशद शेख, मुहम्मद नईम, अज़ीज़ खान,हाजी इस्लाम,हाजी अब्दुल रहमान, रशीद खान, जब्बार खान, आसिफ टी टी ई, दिलीप सिंह, राकेश कुमार, फ़ीरोज़ अली हाश्मी, खुर्शीद खान, मुकेश कुमार,कदीर जानी, सहित सैकड़ों की तादाद में श्रोता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शानदार संचालन उस्ताद शायर जाहिद कौंचवी एंव जैनुल आब्दीन ने संयुक्त रूप से किया कार्यक्रम का आभार पयाम ए इंसानियत फोरम के अध्यक्ष महजर खाने ने व्यक्त किया।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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