झाँसी। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के अंतर्गत संस्कृत संभाषण के लिए संचालित अभ्यंकर केंद्र द्वारा संस्कृत के प्रमाणपत्र और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया का शुभारंभ आज हिंदी विभाग के वृंदावन वर्मा सभागार में किया गया। यह केंद्र पिछले छह वर्षों से भास्कर जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान में सक्रिय रूप से संचालित हो रहा है।
बारहवीं उत्तीर्ण छात्र संस्कृत के एक वर्षीय प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम (8 क्रेडिट) में प्रवेश ले सकते हैं। प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले विद्यार्थी इसके बाद डिप्लोमा पाठ्यक्रम (12 क्रेडिट) में भी दाखिला ले सकते हैं। अध्ययन सामग्री अध्यन केंद्र की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी तथा इसका वार्षिक शुल्क 1200 रुपये निर्धारित किया गया है।
इस अवसर पर डॉ. कौशल त्रिपाठी, समन्वयक अध्यन केंद्र ने प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी देते हुए विद्यार्थियों को संस्कृत अध्ययन के लिए प्रोत्साहित किया। वहीं कला संकाय के डीन प्रो. पुनीत बिसारिया ने संस्कृत शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भाषा भारतीय संस्कृति की आत्मा है। डॉ. शंभुनाथ घोष ने प्रवेश एवं परीक्षा संबंधी नियमों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। प्रवेश लेने वाले छात्र अतिरिक्त जानकारी के लिए डॉ कौशल त्रिपाठी एवं डॉ शंभू नाथ घोष से पत्रकारिता विभाग में संपर्क कर सकते हैं।
कार्यक्रम में संकाय सदस्यों डॉ हरि त्रिपाठी, डॉ सुधा दीक्षित, डॉ प्रेमलता, डॉ रेनू शर्मा एवं विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे संस्कृत के प्रति बढ़ती रुचि स्पष्ट दिखाई दी।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


