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राष्ट्रीय हरित अभिकरण के आदेशानुसार फसल अवशेष जलाया जाना एक दंडनीय अपराध, सख्ती से पालन किया जाना सुनिश्चित किया जाए : जिलाधिकारी

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झांसी। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने विकासखंड बामौर अंतर्गत तहसील गरौठा के उप संभागीय कार्यालय में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना अंतर्गत मिनी किट वितरण तथा प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फॉर इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेजीइयू योजना (फसल अवशेष प्रबंधन) एवं निशुल्क वेस्ट डी कंपोजर कैप्सूल वितरण/निशुल्क मिनी किट वितरण आयोजित किया गया। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने महिला सशक्तिकरण को चरितार्थ करती महिला किसान एवं अन्य कृषकों से अपील करते हुए कहा कि खेत में आग ना लगाएं, कृषि अवशेष/घरों का कूड़ा खेत में किसी भी दशा में न जलाएं। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा है कि पराली प्रबंधन से किसानों की आय को बढ़ाया जाए और इसे मूर्त रूप देने के लिए आज किसानों को निशुल्क वेस्ट डी-कंपोजर कैप्सूल वितरित किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा किसान इसका प्रयोग करें और पराली/कृषि अवशेष को खाद बनाते हुए अपनी फसल उत्पादन को बढ़ावा दें। उन्होंने विशेष रूप से विकास खंड मोंठ और विकासखंड बड़ागांव व विकासखंड चिरगांव के किसानों को जागरूक करने पर बल देते हुए कहा कि खेत में आग लगाने से अथवा कृषि अवशेष को जलाने से जहां एक और वायुमंडल दूषित होता है, वही खेत के मित्र कीट भी मृत होते हैं साथ ही मृदा के पोषक तत्वों की भी क्षति हुई होती है। जिस कारण पैदावार में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान में धान की फसल कटाई का कार्य प्रारम्भ हो चुका है, इस सन्दर्भ में अवगत कराना है कि धान की कटाई के उपरान्त फसल अवशेष को कृषकों द्वारा जलाये जाने की घटनायें बढ़ रही है। जिससे मानव स्वास्थ्य, भूमि एवं वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा इस सम्बन्ध में मा० राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन०जी०टी०) एवं शासन के द्वारा निरन्तर मानीटरिंग की जा रही है तथा वर्तमान में सेटेलाइट बुलेटिन से प्राप्त सूचना के अनुसार जनपद में पराली / फसल अवशेष जलाने की 10 घटनायें सामने आ चुकी है, जो कि चिन्ताजनक है। उपरोक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये वर्तमान में पराली / फसल अवशेष जलाये जाने की घटनाओं को रोकने हेतु सघन निगरानी की जाने की आवश्यकता है, जिस हेतु जनपद के धान बाहुल्य क्षेत्र विकास खण्ड मोंठ, चिरगांव, बड़ागांव में पराली / फसल अवशेष जलाये जाने की घटनाओं को रोकने हेतु विभिन्न विभागों के क्षेत्रीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाते हुये उन्हें आदेशित किया जाता है कि निम्नलिखित निर्देशों का पालन सुनिश्चित करायें, ताकि जनपद में पराली जलाने की कोई घटना घटित न होने पाये। उन्होंने ड्यूटी हेतु नामित समस्त कार्मिक को इस निर्देश के साथ कि वह पूर्वान्ह 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक ( अवकाश के दिनो में भी अपने आवंटित क्षेत्र में रहकर पूर्ण निगरानी करेगें ताकि पराली की कोई घटना ना घट सके। शासन के निर्देश के कम में प्रयोग की जाने वाली कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा स्ट्रा अथवा स्ट्रा रीपर रेक एवं बेलन का उपयोग किया जाना अनिवार्य हो तथा उक्त व्यवस्था बगैर जनपद में कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई न करने पाए अन्यथा वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। क्षेत्र के सभी कम्बाइन हार्वेस्टर के मालिक को सचेत करते हुए नोटिस दिया जाए कि सुपर स्ट्रा मैनेजमैन्ट के बिना कम्बाइन हार्वेस्टर को धान की कटाई में प्रयोग न किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनायें घटित होंगी उनके लिये सम्बन्धित नोडल अधिकारी एवं आवंटित ग्रामों के प्रभारी क्षेत्रीय कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। घटना की जांच में घटना के सच पाए जाने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा-24 के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं धारा-26 के अन्तर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी एवं शासन द्वारा प्रदत्त समस्त लाभकारी योजनाओं से वंचित कर दिया जायेगा। जिलाधिकारी ने समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित किया कि अपने थाना क्षेत्र में फसल अपशेष किसी भी दशा में न जलने दें। उन्होंने समस्त उपजिलाधिकारी द्वारा अपनी-अपनी तहसील से उपरोक्त के क्रम में दैनिक कृत कार्यवाही की सूचना अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) एवं उप कृषि निदेशक को अगले दिन प्रातः 11:00 बजे तक उपलब्ध करायी जाये जाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये, जिससे पराली को जलाये जाने से रोका जा सके। उप संभागीय कार्यालय गरौठा में आयोजित कार्यक्रम में उप कृषि निदेशक महेंद्र पाल सिंह ने सर्वप्रथम जिलाधिकारी का स्वागत करते हुए किसानों को निशुल्क वितरित किए जा रहे वेस्ट डी कंपोजर कैप्सूल की जानकारी देते हुए तथा उसके प्रयोग विधि को बिंदु बार बताते हुए कहा कि ऑल राउंडर प्लस पूसा डी-कम्पोजर 150 ग्राम गुड़ को लेकर 5 लीटर पानी में मिला लें। पूरे मिश्रण को अच्छी तरह उबाल लें और उसके बाद उसमें से सारी गंदगी निकाल कर फेंक दें। मिश्रण को किसी चौकोर बर्तन जैसे ट्रे या टब में ठंडा होने के लिए रख दें। जब मिश्रण गुनगुना हो जाए तो इसमें 50 ग्राम बेसन मिला लें। कैप्सूल खोलें और मिश्रण में डालें। लकड़ी के डंडे से अच्छी तरह मिला लें। मिश्रण को सामान्य तापमान वाली जगह पर रखें। अब इसे एक हल्के कपड़े से ढक दें और मिश्रण को अब और न हिलाएं। दो से तीन दिन में मिश्रण पर क्रीम जमने लगेगी और उसमें अलग-अलग रंग नजर आने लगेंगे। चार दिनों के बाद, मिश्रण के ऊपर क्रीम जम जाएगी। अब, 5 लीटर गर्म गुड़ का घोल (बिना बेसन के) डालें। इस क्रिया को हर दो दिन में तब तक दोहराएं जब तक मिश्रण 25 लीटर तक न पहुंच जाए। 25 लीटर मिश्रण को अच्छी तरह मिला लें और उपयोग के लिए मिश्रण तैयार कर लें। उन्होंने किसानों को इसके उपयोग की जानकारी देते हुए बताया की खेत के अंदर (इन सीटू) अपघटन के लिए 10 लीटर पूसा डीकम्पोजर को 200 लीटर पानी में मिला के 1 एकड़ में नैपसैक स्प्रेयर द्वारा छिड़काव किया जा सकता है, उसके बाद पराली को रोटावेटर से अच्छी तरह से मिला दे और हल्की सिंचाई कर दें। उप संभागीय कार्यालय गरौठा में आयोजित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना अंतर्गत विकासखंड में दलहन एवं तिलहन के मिनी किट का निशुल्क वितरण किया गया जिसमें 1200 चना, 10 मसूर, 10 राई के मिनी किट का वितरित किया गया।प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फॉर इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेजीइयू योजना अंतर्गत आयोजित फसल अवशेष प्रबंधन के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं वेस्ट डी कंपोजर कैप्सूल का भी वितरण जिलाधिकारी ने किसानों को निशुल्क किया। इसके अतिरिक्त डीडी कृषि ने बताया कि जनपद के सभी कृषि भंडार कृषि बीज भंडार केंद्रों पर गेहूं,मटर,मसूर के बीज उपलब्ध हैं किसान 50% अनुदान पर उन्हें ले सकते हैं। कार्यक्रम में लल्ला सिंह ने भी किसानों को खेत में आग लगाने से होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी और अपील करते हुए कहा कि खेत में आग ना लगाएं। इस अवसर पर विषय वस्तु विशेषज्ञ प्रकाश पटेल, दीपक कुशवाहा,बीज गोदाम प्रभारी चंद्रशेखर , सत्य प्रकाश शर्मा , सुश्री प्राची सविता , आयुष जैन तकनीकी सहायक , प्रेम नारायण राकेश कुमार बी.टी. एम. अरविंद पिपरैया सहित बड़ी संख्या में किसान और विभागीय अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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