झांसी। पिछले दो साल से सदर बाजार क्षेत्र में चल रहे सेंटर पर फर्जी मार्कशीट बनाने का आरोप लगाया था गया था। फर्जी मार्कशीट प्रकरण में चार दिन गुजरने के बाद भी अब तक पुलिस केवल जांच ही कर रही है। जबकि भारत सरकार के रेलवे विभाग ने स्पष्ट रूप से मार्कशीट को फर्जी करार दिया है। इधर चार दिन गुजरने के बाद भी पुलिस अभी मार्कशीट को फर्जी साबित करने के साक्ष्य एकत्रित करने की बात कहते हुए जांच चल रही बता रही है। इधर फर्जी मार्कशीट गिरोह पुलिस के ढीले रवैया के चलते अपने कार्यालय के सारे दस्तावेज और समान रातों रात खाली कर एकांत स्थान पर ले गए है। खुद को बचाने के लिए साक्ष्यों को समाप्त करने में आरोपी गैग लगा हुआ है। इधर पुलिस अपनी केवल जांच पड़ताल ही कर रही है।जानकारी के मुताबिक कोतवाली क्षेत्र के रहने वाली महिलाओं ने सदर बाजार सेंट्रल बैंक के पास पिछले दो साल से खुले एक एकेडमी पर फर्जी मार्कशीट बनाने का आरोप लगाते हुए शिकायती पत्र दिया था। सूत्र बताते है इस फर्जी मार्कशीट गिरोह की राजनेतिक पकड़ मजबूत होने के चलते इस पर कार्यवाही नही हो सकती। इसलिए पुलिस चार दिन गुजरने के बाद भी अब तक केवल जांच चल रही की बात कर रही है। इधर इस गिरोह ने फर्जी मार्कशीट बनाने वाले सारे साक्ष्य छुपाने के लिए रातों रात अपना कार्यलय खाली कर दिया है। पुलिस पीड़ित को प्रतिदिन थाना बुलाकर इस गिरोह के सामने बैठा कर पूछताछ करती है और फिर अगले दिन आने को बोल देती है। जबकि पीड़ित पक्ष ने इस सेंटर द्वारा दी गई रसीद फर्जी मार्कशीट ऑडियो क्लिप सहित इस गिरोह तक पहुंचाने वाले व्यक्ति का बयान भी पुलिस को दे दिया है। यहां तक की भारत सरकार की रेलवे विभाग ने भी इस मार्कशीट को फर्जी बता दिया है। फिर भी चार दिन गुजरने के बाद पुलिस इस फर्जी मार्कशीट को साबित करने के साक्ष्य तलाश रही। सूत्र बता रहे है की गिरोह की पकड़ काफी मजबूत है। इसलिए पुलिस इस मामले में दोनो पक्ष का समझोता कराने का प्रयास कर रही है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






