झांसी। पुरानी कहाबत है बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रूपया, यह कहावत एक घर के बाहर पड़े महिला के शव ओर उसके परिवार के सदस्यों द्वारा लगाए जगाए आरोपों से बिजली विभाग के एक बाबू पर सटीक बैठती है। अगर परिवार वालों के आरोप सत्य माने जाए तो बाबू ने मानवता की सारी हदें पार कर दी है। रूपयो के अभाव में घर के बाहर पड़ा महिला का शव बाबू का मानवीय चेहरा सामने ला रहा है। दर असल मामला बेतवा बिहार कॉलोनी में रहने वाले एक बिजली विभाग के बाबू से जुड़ा है। हंसारी सारंधरा नगर निवासी संजीव विश्वकर्मा की पत्नी किरण विश्वकर्मा को काफी वर्षों से कैंसर था। जिसका लगातार इलाज चलते चलते घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई लेकिन वह किरण की जान नहीं बचा पाए। आज किरण की मौत हो गई। स्थिति यह है कि संजीव के पास इतना पैसा नहीं बचा कि वह अपनी पत्नी की अंत्येष्टि भी ठीक ढंग से कर सके। इसलिए वह अपनी पत्नी का शव ओर बच्चों को लेकर विद्युत विभाग के बाबू अपने भाई के घर ग्राम बूढ़ा स्थित बेतवा बिहार कॉलोनी पहुंचा। किरण के भाई लक्ष्मी नारायण विश्वकर्मा ने डायल 112 को फोन लगाकर सूचना दी कि उसके जीजा संजीव के भाई बिजली विभाग में बाबू है, ओर उन्होंने पिता का सारा पैसा, मां की पेंशन, ओर पिता की नौकरी ले ली। उसका आरोप है कि संजीव को पिता की पेंशन ओर उनका जो पैसा मिला उसमें से एक हिस्सा भी नहीं दिया। आज जब उसकी बहन की मृत्यु हो गई तो उसका दाह संस्कार कराने के लिए आना कानी करते हुए शव को घर के बाहर रखवा दिया है। सूचना पर पहुंची पुलिस दोनों पक्ष को समझाने का प्रयास कर रही है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


