झाँसी। मंगलवार को भारतीय जनसंघ के संस्थापक, महान राष्ट्रभक्त डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि के अवसर पर भाजपा द्वारा एक मऊरानीपुर मैं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने डॉ. मुखर्जी के बलिदान और विचारों को स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप पटेल ने की।
मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सुधीर सिंह,
विशिष्ट अतिथि के रूप में झाँसी-ललितपुर सांसद अनुराग शर्मा उपस्थित रहे।
मंच पर निवर्तमान जिलाध्यक्ष अशोक गिरी, जिला महामंत्री अरुण सिंह, और ब्लॉक प्रमुख आनंद सिंह परिहार भी मौजूद रहे। सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि
“भारतीय जनता पार्टी ही वह संगठन है जो राष्ट्र के सच्चे सपूतों को स्मरण कर उनके विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य करती है।”उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान की सेना कश्मीर में घुसी, उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री ने सेना भेजने में विलंब किया और कश्मीर को एक विशेष दर्जा दिया गया “क्या आपने किसी और देश में दो झंडे, दो संविधान और दो प्रधान देखे हैं? यह विडंबना भारत में थी — और इसके खिलाफ सबसे पहले आवाज डॉ. मुखर्जी ने उठाई।”
डॉ. मुखर्जी ने ‘एक देश, एक विधान’ के सिद्धांत के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। “आज भाजपा ऐसी पार्टी है जो विचार, सेवा और लोकतंत्र के आधार पर नेतृत्व विकसित करती है — यहाँ वंशवाद नहीं चलता। भाजपा में कोई नहीं जानता अगला अध्यक्ष कौन होगा, यही लोकतंत्र है। “यदि भारत में ‘दो निशान, दो प्रधान, दो विधान’ की व्यवस्था को समाप्त किया गया, तो वह डॉ. मुखर्जी के बलिदान और भाजपा की दूरदर्शिता का परिणाम है।”
मुख्य वक्ता क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सुधीर सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “हम सभी कार्यकर्ता आज एकत्र हुए हैं ताकि उस राष्ट्रपुरुष को स्मरण कर सकें, जिन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक विधान, एक प्रधान’ की संकल्पना को लेकर अपना जीवन बलिदान कर दिया।”
उन्होंने कहा कि
“डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी न केवल एक महान शिक्षाविद थे, बल्कि स्वतंत्रता के बाद के भारत में एक ऐसे राजनीतिक विचारक भी थे जिन्होंने राष्ट्रहित के लिए अपनी स्पष्ट, निर्भीक आवाज बुलंद की। अंग्रेजी शासनकाल में कोलकाता विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहते हुए उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर को आमंत्रित कर मातृभाषा में भाषण दिलवाया — यह भारतीय अस्मिता को सम्मान देने वाला कदम था। “1929 में जब वे वीर सावरकर के संपर्क में आए, तो उन्होंने भारत की सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवित करने का कार्य किया। विश्व हिंदू परिषद से जुड़कर राष्ट्र के लिए संगठित काम शुरू किया।” “वे जानते थे कि जिस मार्ग पर वे चल रहे हैं, उसमें प्राणों का संकट है — फिर भी उन्होंने सत्याग्रह का मार्ग चुना और कश्मीर में गिरफ्तारी के दौरान अपने प्राणों का बलिदान दिया।”उन्होंने कहा कि,
“डॉ. मुखर्जी ने सत्ता के लिए नहीं, राष्ट्र के लिए संघर्ष किया। वे सत्ता में रह सकते थे, लेकिन उन्होंने राष्ट्र को प्राथमिकता दी।”कांग्रेस या कोई अन्य दल शायद ही ऐसा कोई नाम दे सके जिसने जानबूझकर राष्ट्र के लिए बलिदान चुना हो। “डॉ. मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ की स्थापना कर जो बीज बोया, वही आज भाजपा के रूप में वटवृक्ष बन चुका है। हम कार्यकर्ता उन्हीं की छाया में हैं। “हम वर्षों से नारा देते रहे हैं — ‘जहाँ हुए बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है’ — और प्रधानमंत्री मोदी ने उनके सपने को साकार करते हुए धारा 370 और 35A को समाप्त कर दिया। यह बलिदान आधारित राजनीति की विजय है।”
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप पटेल ने सभा की अध्यक्षता करते हुए कहा “हमें गर्व होना चाहिए कि हम न केवल राष्ट्र, बल्कि सनातन संस्कृति के लिए भी कार्य कर रहे हैं।”उन्होंने कहा,”डॉ. मुखर्जी ने कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति का विरोध करते हुए हिंदू महासभा से जुड़कर भारत की सांस्कृतिक चेतना की रक्षा की।” “2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 को समाप्त कर डॉ. मुखर्जी के सपने को साकार किया।”
उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया “हम सब यह संकल्प लें कि हम डॉ. मुखर्जी के विचारों को जन-जन तक पहुँचाएं और राष्ट्र के लिए समर्पित रहें।”
वरिष्ठ महामंत्री अरुण सिंह ने भी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन पर प्रकाश डाला और कार्यकर्ताओं को उनसे जुड़े हुए संस्करण सुनाए कैसे विपरीत परिस्थिति मैं उन्होंने न सिर्फ राष्ट्र के लिए काम किया बल्कि जनसंघ की स्थापना करके एक वैचारिक राजनैतिक पार्टी की स्थापना की
सभा का समापन ‘वंदे मातरम्’ गीत के सामूहिक गायन और ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ हुआ। इस अवसर पर उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान से प्रेरणा लेकर राष्ट्रसेवा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का संचालन भाजपा जिला मंत्री चंचल कंथारिया ने किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे जिला उपाध्यक्ष उदय लोहारी, प्रमोद चतुर्वेदी,जिला मीडिया प्रभारी सहजेंद्र सिंह बघेल,दिनेश सिंह परिहार, सत्येंद्र खरे,सरोज दुबे, देवेंद्र सिंह कंसाना, डॉ. अनिल राज, प्रतिपाल सिंह, वीरेंद्र अग्रवाल, राजेंद्र गुप्ता चेलरा, प्रीति शर्मा द्विवेदी, शिवेंद्र प्रताप सिंह शैली, रोहित सोनी, मुकेश पटेल, रंजीत पोछवाल, रजनीश कंजर, राजेंद्र सिंह चौहान, संजय गुप्ता, दिनेश राजपूत, नरेंद्र दमेले, प्रवेश कुमारी, राघवेंद्र सिंह बुंदेला, मोनू मौर्य, रविकांत आर्य, मंजूर अहमद, भरत पाल, प्रणव द्विवेदी, मनीष कोरी आदि बड़ी संख्या मैं कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


