Home उत्तर प्रदेश जन सूचना अधिकारियों/प्रथम अपीलीय अधिकारियों को सिखाई अधिनियम की बारीकियां

जन सूचना अधिकारियों/प्रथम अपीलीय अधिकारियों को सिखाई अधिनियम की बारीकियां

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झांसी। आज झांसी कलेक्ट्रेट स्थित नवीन सभागार में प्रशासनिक सुधार विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के डॉ. राहुल सिंह, स्टेट रिसोर्स पर्सन आरटीआई वी. के. गंगवार, मुख्य निरीक्षक, राजकीय कार्यालय, उत्तर प्रदेश, श्री पंकज सक्सेना, उप मुख्य निरीक्षक, राजकीय कार्यालय, उ.प्र., प्रयागराज, शोध अधिकारी उत्तर प्रदेश सचिवालय श्री विपिन यादव द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम 2005 एवं आर0टी0आई ऑनलाइन तथा उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम 2011 के मुख्य प्राविधानों के संबंध में झांसी मण्डल के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 व उ0प्र0 सूचना का अधिकार नियमावली 2015 तथा आवेदनों/प्रथम अपीलों को आॅनलाइन प्राप्त किये जाने हेतु वेब पोर्टल https:rtionline.up.gov.in के समुचित क्रियान्वयन हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये अपर जिलाधिकारी वरुण कुमार पाण्डेय ने बताया कि सरकारी प्रतिष्ठानों को जनता की प्रति जबावदेही बनाने एवं सरकारी कार्यो में पारदर्शिता लाने के लिये सूचना का अधिकार अधिनियम-2005, उ0प्र0 जनहित गारंटी अधिनियम-2011 तथा उ0प्र0 सूचना का अधिकार नियमावली-2015 के अन्तर्गत सूचना का अधिकार अधिनियम का उद्देश्य यह है कि सरकार को जनता के लिए और अधिक जवाबदेह बनाता है। यह अधिनियम नागरिकों को सरकार की गतिविधियों के बारे में जागरूक करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पंकज सक्सेना, उप मुख्य निरीक्षक, राजकीय कार्यालय, उ.प्र., प्रयागराज ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम् 2005 के अन्तर्गत समस्त सरकारी विभाग, पब्लिक सेक्टर यूनिट, किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता से चल रहीं गैर सरकारी संस्थाएं व शिक्षण संस्थान आदि विभाग इसमें शामिल हैं। पूर्णतः से निजी संस्थाएं इस कानून के दायरे में नहीं हैं लेकिन यदि किसी कानून के तहत कोई सरकारी विभाग किसी निजी संस्था से कोई जानकारी मांग सकता है तो उस विभाग के माध्यम से वह सूचना मांगी जा सकती है। उन्होने उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम, 2011 के तहत, राज्य के लोगों को निर्धारित समय सीमा के अंदर सेवाएं दी जाती हैं, इस अधिनियम के तहत, कई तरह की सेवाएं दी गयी हैं। उत्तर प्रदेश सूचना का अधिकार नियमावली, 2015 के बारे में बताया कि इस नियमावली के परिशिष्ट में सूचना पाने के लिए प्रारूप सं0-2 दिया गया है। प्रशासनिक सुधार विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के डॉ. राहुल सिंह एवं स्टेट रिसोर्स पर्सन आरटीआई वी. के. गंगवार ने बताया कि जन सूचनाधिकारी के पद का मूल मंत्र स्वविवेक सद्भाव व सकारात्मक होना चाहिए। काल्पनिक प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया जाता है और अब नये शासनादेश, दिनांक 18 नवम्बर 2024 के अनुसार दस रुपये की नकद धनराशि स्वीकार नहीं होगी। गंगवार द्वारा बताया गया कि उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम 2011 के अंतर्गत सरकार द्वारा विभिन्न विभागों की 406 विभागीय सेवाएं एवं सभी विभागों की अधिष्ठान से संबंधित 10 कॉमन सेवाएं अधिसूचित की गई हैं जिनका संबंधित विभागों/कार्यालयों के पदाभिहित अधिकारियों द्वारा निर्धारित समय के अन्दर निस्तारण किया जाना है। अधिसूचित सेवाओं को समयबद्ध रूप से आवेदकों को उपलब्ध नहीं कराए पर उन पर द्वितीय अपीलीय अधिकारी द्वारा अधिकतम 5000/ का अर्थदंड अधिरोपित किया जा सकता है जो संबंधित के वेतन से वसूल कर सरकारी कोष में जमा किया जाएगा और संबंधित पदाभिहित अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं के समयबद्ध निस्तारण का अनुश्रवण एवं समीक्षा राज्य स्तर पर मुख्य निरीक्षक, राजकीय कार्यालय उत्तर प्रदेश, प्रयागराज द्वारा तथा मंडल स्तर पर नामित मंडलीय नोडल अधिकारी,(निरीक्षक, राजकीय कार्यालय, झांसी मंडल) द्वारा आयुक्त महोदय के निर्देशन में माह में एक बार की जाएगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0)/नोडल अधिकारी वरुण कुमार पाण्डेय, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी जे0पी0 पाण्डेय, सीएमओ डाॅ0 सुधाकर पाण्डेय, तहसीलदार ललित पाण्डेय सहित झांसी मण्डल के समस्त विभागों के मण्डलीय/जनपदीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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