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चंद्रशेखर के बैंक अकाउंट में जनता के पसीने की गाड़ी कमाई 3 करोड़ 23 लाख जमा, सवाल पूछ रही जनता हुआ क्या

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झांसी। बुंदेलखंड का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता है। यहां रोजगार के साधन न होने पर बेरोजगार युवाओं को बुंदेलखंड से पलायन करना पड़ता है। ऐसे में नौकरी देने का लालच देकर यहां की जनता की खून पसीने की गाड़ी कमाई को लूट कर भागने वाले कई कॉमनिया आई ओर रुपया लेकर भाग गई। ऐसा एक शातिर युवक ने झांसी में पैर जमाकर लोगों को नौकरी देने का वादा किया था और लोगों के लाखों करोड़ों रुपया लेकर भागने की फिराक में था लेकिन ऐन वक्त पर पुलिस ने उसे दबोच कर जेल भेज दिया था। वही जिला प्रशासन ने उसका इंडियन बैंक ओवरसीज का बैंक अकाउंट भी सीज कर दिया था। उसके बैंक अकाउंट में तीन करोड़ 24 लाख रूपया जनता की कमाई का था। लेकिन आरोपी छ माह बाद जेल से छूट गया। अब जनता अपने रुपए पूछ रही कि आखिर उनकी गाड़ी कमाई कहा गई। वर्ष 2017 में एक साढ़े चार फीट का युवक चंद्रशेखर ने महानगर के प्रमुख चौराहे पर एक संस्था के नाम से कार्यालय खोलकर बड़े बड़े विज्ञापन देकर आम जन को नौकरी देने का प्रलोभन दे रहा था। उसकी स्कीम थी कि पचास हजार लाओ 75 हजार की नौकरी पाओ। उसके इस जालसाजी झांसे में भोली भाली जनता फंस गई और कार्यालय में नौकरी पाने के लिए प्रतिदिन तीन से चार सौ युवक युवती बुंदेलखंड के कई कोने से आने लगे। उसकी स्कीम थी पचास हजार लाओ 75 हजार की नौकरी पाओ साथ ही दो अन्य लोगों को नौकरी दिलाने पर दस प्रतिशत अलग से पाओ। यह स्कीम के षड्यंत्र में फसे झांसी के कई बेरोजगार युवा युवती ने अपने अपने घरों से तथा कर्ज लेकर नौकरी पा ली। इधर यह जाल साज़ युवक जनता को बेवकूफ बनाकर उसकी गाड़ी कमाई से लग्जरी ऐस की जिंदगी जीता था। उसके आगे पीछे दो दर्जन से अधिक तो उसके बाउंसर चलते थे साथ ही उसके कार्यालय पहुंचने से पहले उसके बाउंसर ट्रैफिक रोक देते थे। फिर चाहे उस ट्रैफिक में कितना भी बाहुबली या राजनेता क्यों न हो। जब इस जालसाज का काफिला निकलता था तो लोग देखते ही रह जाते है। इसकी इस लग्जरी ऐसों आराम भरी जिंदगी के देख लोग इसके जाल में फंस जाते थे। प्रतिदिन हजारों युवा युवतियों का रेला देख जिला प्रशासन की उस पर नजर पड़ गई। आखिर मामला क्या है इसकी जांच पड़ताल करने के लिए जिला प्रशासन की एक टीम उसके कार्यालय पहुंची और दस्तावेजों की जांच पड़ताल की तो उसका लुट खसोट का पूरा खेल खुल गया। जिला प्रशासन ने तत्काल उसे पुलिस के हिरासत में कर दिया था और उसके बैंक अकाउंट सीज कर दिए थे। इस जालसाज के खाते में तीन करोड़ 23 लाख से अधिक रुपया है। आरोपी ने जेल जाकर अपनी जमानत करवा ली। लेकिन आज तक जनता का तीन करोड़ से अधिक रुपया जनता के पास नहीं पहुंचा। जाल साज के जाल में फंसे पीड़ित लोग आज भी अपने खून पसीने की कमाई वापस पाने को आस लगाकर बैठे है। लेकिन सच्चाई यह है कि उस जालसाज को जेल भेजने में पुलिस ही वादी थी। आज जनता को इस प्रकरण में कैसे जानकारी होगी उसका कैसे पैसा वापस मिलेगा। इस आस से बेरोजगार युवा युवतियां बैठे है।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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