झांसी। रानी लक्ष्मी बाई और क्रांतिकारियों की कर्मभूमि झांसी की एतिहासिक धरोहरों का सौंदरी करण और उन्हे संवारने के लिए जहां सरकार ने करोड़ो रुपया खर्च कर दिया। वही जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते उन ऐतिहासिक धरोहरों की बेहाल दुर्दशा होती जा रही है। ऐसा ही एक ऐहतिहासिक धरोहर पानी वाली धर्मशाला है। जिसका सौंदरीय करण सदर विधायक के अथक प्रयासों के चलते करोड़ो खर्च के बाद हुआ था। इसे सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए सफाई सुरक्षा व्यवस्था आदि इंतजाम किए थे। पर्यटकों और स्थानीय लोगों को लुभाने के लिए यहां देशी तथा विदेशी मछलियां पानी वाली धर्मशाला के तालाब में डाली गई थी। हजारों की तादात में मछलियों और पानी वाली धर्मशाला का सौंदरीय करण देखने प्रतिदिन सैंकड़ो लोग यहां आते है। लेकिन इसकी सुरक्षा और सफाई व्यवस्था के जिम्मेदार यहां झांकने तक नही जाते। जिसके चलते यहां का पानी काफी दिनो से दुर्गंध मार रहा है। हालात यह हो गए है कि लोग इसकी सुंदरता को देखने आते है लेकिन दुर्गंध देख भाग जाते है। धर्मशाला में भरे गंदे और दुर्गंध भरे पानी में आज सैंकड़ो मछलियों ने दम तोड दिया। इसके बावजूद वहां मरी हुई मछलियां पानी में तैर रही ओर न ही इनको बाहर निकाला गया और न ही सफाई व्यवस्था की जा रही। जिसके चलते अन्य मछलियों की हालत भी काफी नाजुक हो रही ओर मरने की संख्या दर बदर बढ़ती जा रही है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






