Home उत्तर प्रदेश अपील खारिज,सजा बरकरार राजा साहब को नही मिली राहत

अपील खारिज,सजा बरकरार राजा साहब को नही मिली राहत

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झांसी। बीस लाख रूपये का चैक बाउंस होने के मामले में दंडादेश के खिलाफ अभियुक्त द्वारा की गई अपील को अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या – 2, विजय कुमार वर्मा प्रथम की अदालत में निरस्त कर सजा को बरकरार रखा गया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेन्द्र कुमार पांचाल के अनुसार अपीलार्थी/ अभियुक्त के विरूद्ध प्रत्यर्थी / परिवादी मोहम्मद कादर पुत्र स्व० पीर बक्स, निवासी मकान नं०- 3 मोहल्ला कछियाना, पुलिया नं० – 9,थाना प्रेमनगर झांसी ने विचारण न्यायालय में एक परिवाद प्रस्तुत किया था कि परिवादी के अभियुक्त से काफी घनिष्ठ संबंध रहे हैं। अभियुक्त ने अपनी फर्म खाना खजाना फ्रूड प्रोडक्ट्स के नाम से पंजाब मेल ट्रेन में पेन्ट्री कार चलाने का ठेका डालने के लिए अगस्त 2013 में टेण्डर डालने हेतु वादी से 20 लाख रूपये उधार मांगे थे। तब परिवादी ने अपने सेण्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया शाखा वर्कशॉप झांसी के खाते से एक डी०डी० 05 लाख, एक डी०डी०09 लाख रूपये तथा अपने पुत्र मोहम्मद नासिर के पंजाब नेशनल बैंक शाखा सीपरी बाजार झांसी के खाते से एक डी०डी० 4, 42,500 रूपए की फाईनेनशियल एडवाईजर एण्ड चीफ एकाउण्ट ऑफिसर सेन्ट्रल रेलवेज मुम्बई के नाम से बनवा कर अभियुक्त को दे दिये थे। जिनकी कुल राशि 18, 42,500 होती है,परिवादी ने अभियुक्त को 1,57,500 रूपए नगद दिये थे, इस तरह परिवादी ने अभियुक्त को कुल 20 लाख रूपये नगद उधार दिये। अभियुक्त का टेण्डर स्वीकार नहीं हुआ। अतः रेलवे द्वारा अभियुक्त को तीनों डी०डी० 18, 42,500 रूपए की अभियुक्त के एच०डी० एफ०सी० बैंक खाता में 16 जनवरी 2015 को भेज दिये गये। अभियुक्त ने इस राशि में से 17 जनवरी 2015 को 40,000 व 18,00,000 रूपये वापिस निकाल लिये। अभियुक्त ने परिवादी को उपरोक्त 20 लाख रूपये लौटाने हेतु अपने सेण्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया शाखा मसीहा गंज सीपरी बाजार झांसी के खाते की दो चैक सं० 011008 व चैक 011010 मुबलिग 10-10 लाख रूपये की 20 मई 2015 को अपने लेख व हस्ताक्षर से परिवादी को दिये।अभियुक्त ने परिवादी से यह कहा कि वह इन दोनों चैकों को जल्दी बैंक में जमा न करे। दो माह बीत जाने पर अभियुक्त ने परिवादी से कहा कि वह उक्त चैक बैंक में प्रस्तुत करके अपना रूपया प्राप्त कर ले। तब परिवादी ने 03 अगस्त 2015 को सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया से सीपरी बाजार रोड झांसी के अपने बैंक खाते में भुगतान हेतु जमा की। यह दोनों चैके अभियुक्त के खाता वाले बैंक सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया के खाते में भुगतान हेतु भेजी गई लेकिन अभियुक्त के खाते में पर्याप्त धनराशि न होने के
कारण यह चैकें अनादरित हो गई । इसके उपरान्त परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अभियुक्त के सही पते पर डिमाण्ड नोटिस भिजवाया। लेकिन अभियुक्त ने जानबूझकर गलत टिप्पणी कर नोटिस वापिस कर दिया। तब परिवादी ने धारा 138 एन आई एक्ट के तहत परिवाद न्यायालय में दायर कर प्रार्थना की थी कि अभियुक्त को दो वर्ष के कारावास और चैकों की रकम से दोगुना राशि से दण्डित किया जाये तथा परिवादी को चैकों की राशि 20 लाख रूपये एवं प्रतिकर दिलाया जाये। उक्त मामले में न्यायालय के दंडादेश से क्षुब्ध होकर अभियुक्त राजा साहब भदौरिया पुत्र कोक सिंह, निवासी फ्लैट नं०- डी- 4 रायतुरूमाला कम्प्लेक्स,बसंत विहार सिविल लाइन थाना नवाबाद झांसी/अपीलार्थी/ अभियुक्त की फौजदारी अपील निरस्त करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या – 2,विजय कुमार वर्मा प्रथम द्वारा अंतर्गत धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम में पूर्व में न्यायालय द्वारा पारित दण्डादेश 12 दिसंबर 2022 की पुष्टि करते हुए अपील को खारिज कर दिया गया।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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