झांसी। गर्मी का मौसम जनपद में तेजी के साथ दस्तक दे चुका है और तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। गर्मी के सीजन की शुरूआत विगत वर्ष तापमान की अपेक्षा दो से तीन डिग्री तापमान से हुई है। असंतुलित जलवायु परिवर्तन का असर मौसम पर सीधे देखने को मिल रहा है। इस वर्ष पिछले साल की अपेक्षा अधिक गर्मी पड़ रही है। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने जूम ऐप के माध्यम से जनपद के समस्त अधिकारियों को बताया कि गर्मी के भीषण दिनों में लू से बचाव को लेकर जनपद वासियों को समय-समय पर सर्तक करते हुए लू-तापघात के लक्षण व बचाव के उपायों की जानकारी दी जाती रही है। आते दी जाने वाली जानकारियों को ग्रामीण क्षेत्र पर गांव सभा की खुली बैठक में ग्रामीणों से भी साझा करें ताकि समस्त जनमानस दिए गए बचाव का अनुसरण करते हुए एवं अपना व अपने परिवार का बचाव करें। जिलाधिकारी ने उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा जारी विभिन्न एडवाइजरी/सलाह/क्या करें, क्या न करें, विषयक पम्पलेट, पोस्टर को सार्वजनिक स्थानों पर लगाने का सुझाव देते हुए जनपदवासियों को ‘‘लू प्रकोप एवं गर्म हवा’’ से बचाव हेतु जानकारी साझा किए जाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपदस्तरीय हीट वेव प्रबन्धन समिति का गठन भी किया जा चुका है। जिसमें समिति के सदस्यों द्वारा किसानों से लेकर आम लोगो को अलग-अलग तरीके के एहतियात बरतने हेतु जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लू-तापघात से जन-हानि भी हो सकती है। इसके असर को कम करने के लिए और लू से होने वाली मौत की रोकथाम के लिए निम्न सावधानियां बरतें उन्होंने सुझाव दिया कि कड़ी धूम में बाहर न निकलें, खासकर दोपहर 12 से 3 बजे तक के बीच में जितनी बार हो सके पानी पियें, प्यास न लगे तो भी पानी पियें हल्के ढीले ढीले सूती कपड़े पहनें। उन्होंने कहा कि धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, का चश्मा, और चप्पल का इस्तेमाल करें। सफर में अपने साथ पानी रखें। मदिरा, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों इस्तेमाल करने से बचें, यह शरीर को निर्जलित कर सकते है। अगर आप बाहर जा रहे हैं तो टोपी, गमछा छाते इस्तेमाल जरूर करें और गीले को अपने चेहर सीर और गर्दन पर रखें, अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क घर पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी घोल, नींबू पानी, छाछ, आम का पन्ना, इत्यादि का सेवन करें। उन्होंने आव्हान करते हुए कहा कि जानवरों को छांव रखें उन्हें खूब पानी दें। अपने घर को ठंड़ा रखें, पर्दे शटर का इस्तेमाल करे। रात में खिड़कियाँ खुली रखें। फैन, ढीले कपड़े का उपयोग करें। ठंडे से बार बार नहाएं । उन्होंने हीट वेव/लू प्रकोप एवं गर्म हवा से बचने के लिए ‘‘क्या करें क्या न करें’’- धूप में खड़े वाहनों में बच्चें एवं पालतू जानवरों को न छोड़ें। खाना बनाते समय कमरे की दरवाजे की खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें जिससे हवा का आना-जाना बना रखें, नशीले पदार्थ शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें। उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने बचें। बासी भोजन करें खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि ढक रखें, ताकि बाहर की गर्मी को आने से रोका जा सके। उन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आती है, काले पर्दे लगाकर रखने चाहिए। स्थानीय मौसम पूर्वनुमान को और आगामी तापमान होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहे। आपत् से निपटने लिए प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण लें बच्चों पालतू जानवरों कभी भी वाहन अकेला ना छोड़े। जिलाधिकारी ने जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा कि जहाँ संभव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के सम्पर्क से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिए जहॉ तक संभव हो नीचली मंजिल पर रहें। संतुलित, हल्का नियमित भोजन करें घर बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने ग्रामीण स्तरीय अधिकारी व कर्मचारियों को भी लू-तापघात के लक्षण और उसके बचाव हेतु जानकारी गांव में खुली बैठक के माध्यम से दिए जाने के निर्देश दिए।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा





