झांसी। बुंदेलखंड राज्य बनाने की मांग को लेकर बुंदेली गायन और प्रतियोगिताओं को बढ़ावा दिए जाने को लेकर प्रतियोगिताओं का आयोजन होने जा रहा है।शनिवार को गणेश सत्संग भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कार्यक्रम संयोजक दिनेश भार्गव, महामंत्री डॉक्टर सुनील दीक्षित, संस्था प्राचार्य कृष्ण भूषण झा, सलोनी झा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रभु श्रीराम लाल संगीत महाविद्यालय के तत्वावधान में 49 वा अखिल भारतीय संगीत सम्मेलन एवं संगीत प्रतियोगिताएं शुरू हो रही है। उन्होंने बताया कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की समस्त विधाओं गायन वादन नृत्य के प्रचार प्रसार हेतु सन 1976 से बुंदेलखंड संगीत प्रतियोगिताओं/सम्मेलन एवं योग शिविर का अखिल भारतीय स्तर पर वार्षिक आयोजन स्थानीय श्री लक्ष्मी व्यायाम मंदिर प्रांगण में प्रारम्भ हुआ, जिसमे भारत के लगभग सभी प्रान्तों के प्रतियोगी एवं मूर्धन्य कलाकार भाग ले चुके हैं, गत 48 वर्षों से प्रतियोगिताएँ एवं सम्मेलन अनवरत रूप से होते आ रहे हैं जिसका श्रेय सतगुरु देव भगवान की कृपा, झाँसी नगर की संगीत प्रेमी जनता, देश-विदेश के कलाकार, अपने प्रतियोगियों को सम्मलित कराने वाले सभी प्रांतो के संगीत विद्यालय एवं शैक्षणिक संस्थाएं, विद्यालय के कार्यकर्ता एवं श्री लक्ष्मी व्यायाम मंदिर के सभी पदाधिकारियों को जाता है।संगीत प्रतियोगिताओं की विशेषताएं-1. स्थानीय एवं बाहर के सभी प्रतिभागियों उनके अभिभावक व टीम इंचार्जों के स्वल्पाहार, भोजन व रहने की व्यवस्था प्रभु श्री रामलाल संगीत विधालय की ओर से की जाती है।2. सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान किये जाते हैं। 3प्रतियोगिताओं में केवल शास्त्रीय एवं लोक संगीत के प्रतिभागी ही भाग ले सकते हैं।49वां योग शिविर दिनांक 04-11-2024 से 08-11-2024इस वर्ष भी उपरोक्त तिथियों में योग शिविर श्री लक्ष्मी व्यायाम मन्दिर, झाँसी के पवेलियन हॉल में आयोजित है। योग योगेश्वर महाप्रभु श्री रामलाल महाराज ने नेपाल हिमालय से इस अवनि मण्डल पर आकर जन-जन के दैहिक, भौतिक एवं आध्यात्मिक कल्याण हेतु अपने योगेश्वर्य के संकल्प से निम्नलिखित चार दिव्य 1. जीवन तत्व साधन 2. अमर तत्व साधन 3. यौवन तत्व साधन 4. फल तत्व साधन क्रियाओं का निर्माण किया जिनके निरंतर अभ्यास से नाड़ी शोधन के साथ अन्तः जगत में प्रवेश का मार्ग भी खुल जाता है।शिविर में प्रातः 7 से 8 बजे तक योगासनों, जल नेति सूत्र नेति का प्रशिक्षण, एवं 11 बजे तक प्रवचन आदि होंगे। 28 अक्टूबर 2024 के बाद कोई भी स्थानीय प्रवेश पत्र मान्य नहीं होगा।सभी योग जिज्ञासुओं एवं अध्यात्म में आस्था रखने वाले महानुभावों से अनुरोध है कि इस परम पावन योग शिविर में सम्मिलित होकर अपने जीवन को कृतार्थ करें।बुन्देलखण्ड प्रान्त बनाने की माँग एवं प्रभु श्री निस्वार्थ भाव से किया जा रहा शास्त्रीय रामलाल संगीत महाविद्यालय झाँसी द्वारा संगीत, योग, हमारी प्राचीन संस्कृति श्रीमद्भगवद्गीता का ताल एवं स्वर में पाठ एवं साहित्य की प्राचीनतम् धरोहरों को सुरक्षित-संरक्षित, प्रचारित और प्रसारित करने के लिए गत 48 वर्षों से सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। विद्यालय द्वारा शास्त्रीय संगीत की समस्त विधाओं जैसे गायन, वादन, नृत्य को रोजगार परक बनाया गया है जिसके फलस्वरूप विद्यालय के स्नातक झाँसी ही नहीं समस्त बुन्देलखण्ड प्रान्त एवं देश-विदेश के विभिन्न शहरों में शिक्षकों के उच्च पदों पर अन्तर्राष्ट्रीय कलाकारों के रूप में एवं फिल्म क्षेत्र में गायक और निर्देशक के रूप में कार्यरत हैं।अब हदय की पीड़ा व्यक्त करने का समय आ गया है कि किसी भी राजनैतिक पार्टी के किसी भी भूतपूर्व एवं वर्तमान मंत्री, विधायक ने न तो विद्यालय को कोई आर्थिक सहायता दी, न ही प्रोत्साहन दिया और न उचित मंचों पर विद्यालय के प्रयासों की सराहना की। विद्यालय कार्यकर्ताओं को यह पीड़ा हमेशा दुख देती रहेगी।06 एवं 07 नवम्बर 2024 को संगीत सम्मेलन में भाग लेंगे कलाकार।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






