झांसी। आईआईटी कानपुर के सहयोग से बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी में चल रहे वर्चुअल लैब के रीजनल सेंटर में विभिन्न आभासी प्रयोगों को विकसित करने के लिए छात्र-छात्राओं के द्वितीय बैच का चयन किया और इन चयनित छात्र-छात्राओं को आईआईटी कानपुर द्वारा आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया जाएगा। इस वर्ष कुल बीटेक एवं बीसीए/एमसीए के 37 छात्र-छात्राओं का चयन किया गया है। इन नव चयनित छात्र-छात्राओं के लिए आज ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने कहा कि वर्चुअल लैब राष्ट्रीय शिक्षा नीति का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। वर्चुअल लैब के सीनियर विद्यार्थियों के छात्र-छात्राओं की सराहना करते हुए कुलपति ने कहा कि इन छात्र-छात्राओं ने बहुत ही अच्छी तरह से वर्चुअल प्रैक्टिकल विकसित किए हैं एवं बुंदेलखंड विश्विद्यालय का नाम आईआईटी के स्टार परफॉर्मर लिस्ट में ले कर आए हैं। नव चयनित छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कुलपति ने कहा कि वर्चुअल लैब को एआर/ वीआर आदि संसाधनों से सुसज्जित किया जाएगा। समन्वयक डॉ अनुपम व्यास ने वर्चुअल लैब के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के प्रयोग की जानकारी प्रदान की और बताया कि किस तरह से उच्च शिक्षा के लिए वर्चुअल लैब एक वरदान साबित हो रही है। समन्वयक डॉ अंजली श्रीवास्तव ने कहा कि वर्चुअल लैब का मतलब वर्चुअल शिक्षण और सीखने के माहौल से है और सिमुलेशन न केवल प्रयोग करने का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि प्रयोग के दौरान चुने गए विभिन्न संयोजनों के परिणामों के बारे में सोचने और उनका विश्लेषण करने का भी अवसर प्रदान करते हैं। इस दौरान सह समन्वयक डॉ संजीव कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वर्चुअल लैब हर छात्र को प्रयोगों को सीखने का समान अवसर प्रदान करती है। इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करके प्रयोग कभी भी और कहीं भी किए जा सकते हैं। कुलपति ने सीनियर छात्र-छात्राओं को उनके अच्छे कार्यों की सहायता करते हुए पदक प्रदान कर सम्मानित किया। अंत में द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने नए छात्रों के समक्ष अपने अनुभवों और आने वाली चुनौतियों के बारे में चर्चा की। इस अवसर पर डॉ निष्ठा व्यास, डॉ प्रियंका त्रिपाठी, ऋतिक पटेल सहित कई शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






