Home उत्तर प्रदेश जनपद में पराली जलाने से रोकने में असफल 08 कर्मचारियों को किया...

जनपद में पराली जलाने से रोकने में असफल 08 कर्मचारियों को किया गया निलंबित

27
0

झांसी। उन्होंने बताया कि पूर्व में जिलाधिकारी द्वारा विकासखंड बड़ागांव, मोंठ और चिरगांव जो धान बाहुल्य क्षेत्र हैं, वहां खेत में पराली/कृषि अवशेष किसानों द्वारा ना जलाएं और इसे रोकने के लिए विभिन्न कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी परंतु कुछ कर्मचारियों द्वारा अपने कार्य में शिथिलता बरतने और लापरवाही बरतने पर खेत में आग लगाए जाने की घटनाएं हुई। इसके तत्व क्रम में संबंधित तैनात कर्मचारियों को निलंबित किया गया। जिनके नाम राजेन्द्र सिंह सैंगर बीटीएम, प्राची सविता प्राविधिक सहायक ग्रुप सी, नरेश कुमार एटीएम, मदरूप मीणा प्राविधिक सहायक ग्रुप बी, जयपाल प्राविधिक सहायक ग्रुप सी, अरूण कुमार प्राविधिक सहायक ग्रुप सी, विनोद व्यास ग्राम विकास अधिकारी, दिव्याशु मिश्रा लेखपाल हैं। उप कृषि निदेशक महेंद्र पाल सिंह ने बताया कि में पराली / फसल अवशेष जलाये जाने की घटनाओं को रोकने हेतु सघन निगरानी की जाने की आवश्यकता की गई है, जिस हेतु जनपद के धान बाहुल्य क्षेत्र विकास खण्ड मोंठ, चिरगांव, बड़ागांव में पराली / फसल अवशेष जलाये जाने की घटनाओं को रोकने हेतु विभिन्न विभागों के क्षेत्रीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाते हुये उन्हें आदेशित किया गया था कि निम्नलिखित निर्देशों का पालन सुनिश्चित करायें, ताकि जनपद में पराली जलाने की कोई घटना घटित न होने पाये। उन्होंने ड्यूटी हेतु नामित समस्त कार्मिक को इस निर्देश के साथ कि वह पूर्वान्ह 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक ( अवकाश के दिनो में भी अपने आवंटित क्षेत्र में रहकर पूर्ण निगरानी करेगें ताकि पराली की कोई घटना ना घट सके। शासन के निर्देश के कम में प्रयोग की जाने वाली कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा स्ट्रा अथवा स्ट्रा रीपर रेक एवं बेलन का उपयोग किया जाना अनिवार्य हो तथा उक्त व्यवस्था बगैर जनपद में कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई न करने पाए अन्यथा वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। क्षेत्र के सभी कम्बाइन हार्वेस्टर के मालिक को सचेत करते हुए नोटिस दिया जाए कि सुपर स्ट्रा मैनेजमैन्ट के बिना कम्बाइन हार्वेस्टर को धान की कटाई में प्रयोग न किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनायें घटित होंगी उनके लिये सम्बन्धित नोडल अधिकारी एवं आवंटित ग्रामों के प्रभारी क्षेत्रीय कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। घटना की जांच में घटना के सच पाए जाने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा-24 के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं धारा-26 के अन्तर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी एवं शासन द्वारा प्रदत्त समस्त लाभकारी योजनाओं से वंचित कर दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि अपने थाना क्षेत्र में फसल अपशेष किसी भी दशा में न जलने दें। उन्होंने समस्त उपजिलाधिकारी द्वारा अपनी-अपनी तहसील से उपरोक्त के क्रम में दैनिक कृत कार्यवाही की सूचना अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) एवं उप कृषि निदेशक को अगले दिन प्रातः 11:00 बजे तक उपलब्ध करायी जाने को निर्देशित किया। उप कृषि निदेशक ने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशो का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये, जिससे पराली को जलाये जाने से रोका जा सके।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here